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Jinnat in Islam : भूत-प्रेत, शैतान-चुड़ैल या जिन्न-जिन्नात ऐसे शब्द हैं जिन्हें आपने फिल्मों से लेकर बड़े-बुजुर्गों तक की जुबान से कभी न कभी सुना ही होगा. कई लोग इन्हें अपने काबू में करने का दावा करते हैं. इतना ही नहीं, इनसे अपना काम तक निकलवा लेने की बात तक करते देखे गए हैं, लेकिन क्या ऐसा सच में हो सकता है. क्या जिन्न को किसी बोतल में बंद किया जा सकता है.
अलीगढ़. समाज के एक बड़े तबके में भूत-प्रेत, जिन्न-जिन्नात से जुड़ी कहानियां, दावे और अफवाह सदियों से पैठ बनाए हुए हैं. मुस्लिम समाज में कई लोग जिन्नात से बात करने, उनसे अपना काम कराने या उनके साथ सौदा होने जैसी बातों का दावा करते हैं, लेकिन इन दावों की हकीकत क्या है और इस्लाम इन मामलों को किस नजरिए से देखता है? इन्हीं सवालों के जवाब जानने के लिए Bharat.one ने अलीगढ़ के शाही चीफ मुफ़्ती ऑफ उत्तर प्रदेश मौलाना चौधरी इफराहीम हुसैन से बात की. मौलाना चौधरी इफराहीम बताते हैं कि इंसान और जिन्नात दोनों अल्लाह की मखलूक (निर्माण) हैं, लेकिन आम इंसान के लिए जिन्नात से सीधे तौर पर बात करना या उनसे कोई काम कराना मुमकिन नहीं है.
देख ही नहीं सकते उन्हें
इस्लामी नजरिए के मुताबिक, जिन्नात इंसानों को देखते हैं, लेकिन इंसान उन्हें नहीं देख पाते. मौलाना के अनुसार, अल्लाह ने हजरत सुलेमान को खास पावर बख़्शी थी, जिसकी वजह से जिन्नात उनके ताबे यानी अधीन थे और उनसे बातें करते थे. लेकिन यह एक खास मामला था, आम इंसान के बस की बात नहीं है. कुछ लोग धोखा देने के लिए यह दावा करते हैं कि वे जिन्नात से बातें करते हैं या जिन्नात उनके बताए हुए काम करते हैं, लेकिन ऐसी बातों में कोई हकीकत नहीं. जिन्नात अक्सर इंसान को गुमराही की तरफ ले जाने के लिए धोखे का सहारा लेते हैं, और शैतान तो इंसान का खुला दुश्मन है ही.
धोखा, वहम और गुमराही
मौलाना इफराहीम बताते हैं कि किसी भी तरह की पढ़ाई, तावीज या अमल से जिन्नात को काबू में करना या उनसे काम कराना नामुमकिन है. जिन्नात इंसान के स्थायी तौर पर ताबे नहीं हो सकते. जो भी इस तरह के दावे किए जाते हैं, वे सिर्फ धोखा, वहम और गुमराही का हिस्सा होते हैं. अक्सर यह भी कहा जाता है कि जिन्नात इंसानों से सौदा करते हैं, लेकिन मौलाना के मुताबिक, यह भी महज अफवाह है. बुराइयों और गलतफहमियों की बढ़ती तादाद की वजह से लोग ऐसी बातों को जल्दी मान लेते हैं, जबकि हकीकत में इन दावों की कोई बुनियाद नहीं है.
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Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu…और पढ़ें







