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इन 10 बातों को जीवन में उतार लिया तो जिसे छुएंगे हो जाएगा सोना! सुधर जाएंगे कई जन्म


Agency:Bharat.one Uttarakhand

Last Updated:

Haridwar: धर्मों के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति के जीवन में ये दस लक्षण हैं तो उसे न केवल हर काम में सफलता मिलती है. बल्कि मरने के बाद मोक्ष भी मिलता है. यानी जीवन और मरण दोनों सफल हो जाते हैं.

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धर्म

धर्म के 10 लक्षण 

हाइलाइट्स

  • धर्म के 10 लक्षण जीवन को सफल बनाते हैं.
  • धैर्य, क्षमा, संयम, पवित्रता, सत्य महत्वपूर्ण हैं.
  • इन लक्षणों से मोक्ष की प्राप्ति होती है.

हरिद्वार. व्यक्ति के जीवन को सार्थक करने के लिए धार्मिक ग्रंथो में अनेक प्रकार के उपाय और विधि बताई गई हैं. धार्मिक ग्रंथो के इन उपायों को विधि अनुसार करने पर व्यक्ति का जीवन श्रेष्ठ और देवताओं के समान पूजनीय हो जाता है और आने वाली सभी समस्याएं खत्म हो जाती हैं. हिंदू संस्कृति में धर्म के 10 लक्षणों को जीवन का आधार बताया गया है. ये लक्षण जीवन में उतरने पर व्यक्ति का जीवन श्रेष्ठ और महान हो जाने की मान्यता है.

ये न केवल पूजा पाठ और मंत्रो के जाप तक सीमित है बल्कि जीवन में होने वाली सभी घटनाओं, कार्य, कर्तव्य, सत्य, बुद्धि, सद्भावना और धार्मिक मूल्यों वगैरह का समावेश है. अगर व्यक्ति के जीवन में यह धर्म के 10 लक्षण ना हो तो व्यक्ति को टाइम-टाइम पर समस्याएं आती रहती हैं.

इनका करें पालन
धर्म के 10 लक्षणों की जानकारी Bharat.one को देते हुए उत्तराखंड हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि मानव व्यक्ति के जीवन में धर्म के 10 लक्षण हैं तो उसका जीवन सार्थक हो जाता है और अगर यह 10 लक्षण जीवन में नहीं है तो समय-समय पर दुख, परेशानी समस्याएं, बाधाएं आती रहती हैं. वे आगे बताते हैं कि हम जो भी काम करते हैं वह धर्म के अनुसार ही करना चाहिए. हिंदू धर्म में मानव जीवन को सार्थक करने के लिए 10 लक्षण – धृति, क्षमा, दम, शौच, अस्तेय, इंद्रियनिग्रह, धी, विद्या, सत्य, अक्रोध होते हैं.

धर्म के 10 लक्षण

धृति:
धैर्य रखना, किसी भी वस्तु को पाने या अन्य कार्यों में धैर्य रखना चाहिए.
क्षमा: जैसे हम कोई भी गलती होने पर परमात्मा से क्षमा याचना करते हैं वैसे ही हम में दूसरों को माफ करने की क्षमता होनी चाहिए.
दम: (संयम) किसी भी कार्य या वास्तु प्राप्ति के लिए किए गए कर्म का फल प्राप्त करने के लिए संयम होना चाहिए.
शौच: (पवित्रता) मन, क्रम, वचन से व्यक्ति को पवित्र रहना चाहिए.
अस्तेय: अगर किसी की खराब पड़ी वस्तु अच्छी लगे तो उसे भी उसके मालिक की अनुमति के बिना नहीं लेना चाहिए यानी वास्तु को चुराना नहीं चाहिए.
इंद्रियनिग्रह: अपनी सभी इंद्रियों को वश में रखना और मोह माया में आकर भी अपनी इंद्रियों पर काबू होना चाहिए. सभी इंद्रियां आपके बस में होनी चाहिए.
धी: (बुद्धि) अपनी बुद्धि का हमेशा प्रयोग करना चाहिए. अगर आप कोई काम कर रहे हैं तो वह कार्य गलत ना हो जिससे किसी को कोई भी समस्या या परेशानी ना आए यानि सही और गलत में फर्क करना चाहिए.
विद्या: ज्ञान की प्राप्ति होनी चाहिए. परमात्मा की भक्ति में लीन और धार्मिक ग्रंथो का अध्ययन आध्यात्मिक ज्ञान के लिए करते रहना चाहिए.
सत्य: स्थिति कैसी भी हो कभी भी सत्य का साथ नहीं छोड़ना चाहिए. व्यक्ति को सदैव सत्य ही बोलना चाहिए. सत्य ही परमात्मा हैं.
अक्रोध: क्रोध नहीं करना चाहिए. क्रोध करने पर बुद्धि का नाश होता है जिससे व्यक्ति गलत कार्यों में लिप्त हो जाता है.

अगर व्यक्ति के जीवन में यह 10 लक्षण हैं तो जो भी काम वो करता है उसमें उसे सफलता मिलती है और परमात्मा की कृपा सदैव उस पर बनी रहती है. धर्म के इन 10 लक्षणों का वर्णन धार्मिक ग्रंथो में किया गया है. व्यक्ति के जीवन में यह 10 लक्षण होने चाहिए जिससे उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है.

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इन 10 बातों को जीवन में उतार लिया तो जिसे छुएंगे हो जाएगा सोना! सुधरेंगे जन्म

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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