अयोध्या: सनातन धर्म में पितृपक्ष का माह बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. पितृपक्ष में लोग पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए तरह-तरह के उपाय भी करते हैं. साथ ही अपने पितरों के निमित्त श्राद्ध तर्पण जैसे कर्मकांड करते हैं. पितृपक्ष में पितृ को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा आराधना की जाती है. पिंडदान भी किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं इस वर्ष पितृपक्ष में दो बड़ी घटनाएं घटने वाली हैं. जिसकी अयोध्या के ज्योतिषी ने बड़ी जानकारी भी साझा की है . तो चलिए आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं कि इस वर्ष के पितृपक्ष में वह कौन सी दो बड़ी घटनाएं हैं, जो घटने वाली हैं, जिसे अशुभ भी माना जा रहा है.
दरअसल हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह में पितृ पक्ष की शुरुआत होती है. इस वर्ष पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितंबर से हो रही है और 18 सितंबर को पितृपक्ष का पहला श्राद्ध है. 2 अक्टूबर को पितृपक्ष का समापन होगा. तो वहीं पितृपक्ष के दौरान दो ग्रहण भी लग रहे हैं, जिसमें एक सूर्य ग्रहण तो दूसरा चंद्र ग्रहण. यह दो बड़ी घटनाएं पितृ पक्ष में घटने वाली हैं.
अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि पितृ पक्ष के पहले दिन 18 सितंबर को भाद्रपद की पूर्णिमा पर साल का दूसरा चंद्र ग्रहण लगेगा. हालांकि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. इसके बाद पितृपक्ष के अंतिम दिन 2 अक्टूबर को अश्विन अमावस्या पर साल का अंतिम सूर्य ग्रहण भी लगेगा, जो भारत में नहीं दिखेगा. दोनों ग्रहण भारत में अदृश्य होंगे. जिसके कारण सूतक भी नहीं लगेगा. हालांकि पितृपक्ष के बीच ग्रहण लगने की घटना को सनातन धर्म में अशुभ माना जाता है. ऐसी स्थिति में पितृपक्ष के पहले और अंतिम दिन पितरों का श्राद्ध पिंडदान करते समय आपको विशेष सावधानी भी बरतनी पड़ेगी.
FIRST PUBLISHED : September 17, 2024, 07:58 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.