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Navratri Black Magic Truth: चैत्र नवरात्रि में उज्जैन के तांत्रिकों की रहस्यमय साधना! जानिए क्या सच में भूत-प्रेत को किया जाता है जाग्रत, कौन-सी 10 महाविद्याओं की पूजा करते हैं साधक और क्यों श्मशान बनता है सिद्…और पढ़ें
नवरात्रि मे काले जादू
हाइलाइट्स
- उज्जैन में नवरात्रि पर तांत्रिक साधनाओं की चर्चा होती है.
- तांत्रिक दस महाविद्याओं की साधना करते हैं.
- उज्जैन तंत्र साधना का प्रमुख केंद्र माना जाता है.
शुभम मरमट / उज्जैन: नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की उपासना के साथ-साथ तंत्र साधना की भी विशेष चर्चा होती है. खासतौर पर उज्जैन जैसी आध्यात्मिक नगरी में, जहां महाकाल का वास है और शिव-शक्ति की तपोभूमि मानी जाती है, यहां के तांत्रिकों की साधनाएं रहस्यमय कहानियों को जन्म देती हैं.
चैत्र नवरात्रि में जहां आम भक्त नौ दिनों तक देवी के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं, वहीं तंत्र के मार्ग पर चलने वाले साधक इन दिनों दस महाविद्याओं – काली, तारा, भुवनेश्वरी, त्रिपुरसुंदरी, बगलामुखी आदि – की साधना करते हैं. अघोर तांत्रिक अंचलनाथ महाराज बताते हैं कि इन साधनाओं का उद्देश्य केवल शक्ति प्राप्त करना नहीं, बल्कि भटकती आत्माओं को मोक्ष देना भी होता है.
क्या सच में भूत-प्रेत होते हैं जाग्रत?
महाराज का दावा है कि कुछ विशेष अनुष्ठानों और मंत्रों के माध्यम से साधक भूत-प्रेतों को जाग्रत कर उनकी अधूरी इच्छाओं की पूर्ति कर मोक्ष दिलाते हैं. यह क्रियाएं गुप्त स्थानों – विशेषकर श्मशानों – में की जाती हैं, ताकि कोई विघ्न न आए और आत्मा को कष्ट न हो.
उज्जैन क्यों है तांत्रिकों की पहली पसंद?
उज्जैन को तंत्र साधना का केंद्र इसलिए भी माना जाता है क्योंकि यहां शक्तिपीठों और सिद्ध स्थलों की भरमार है. चौसठ योगिनी मंदिर, विक्रांत भैरव मंदिर, काल भैरव स्थल जैसे स्थान तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध हैं. खासकर विक्रांत भैरव मंदिर में रात्रि में तांत्रिकों का जमावड़ा साधना हेतु होता है, जहां मान्यता है कि तंत्र-मंत्र कभी विफल नहीं होता.
भूत-प्रेत बनते कैसे हैं?
महाराज के अनुसार, जिनकी मृत्यु अकाल हो या इच्छाएं अधूरी रह जाएं, वे भूत बन जाते हैं. उनकी आत्मा शांति न मिलने के कारण भटकती रहती है. तांत्रिक साधना के जरिए उन आत्माओं को मुक्ति दिलाने की कोशिश की जाती है.
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