विकल्प कुदेशिया/बरेली: बरेली को उत्तराखंड का प्रवेश द्वार कहा जाता है और यहां बड़ी संख्या में पहाड़ी समाज के लोग बसे हुए हैं. इस समाज में अल्मोड़ा के प्रसिद्ध गोलू देवता के मंदिर की गहरी मान्यता है. बरेली से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित गोलू देवता का मंदिर, जिन्हें ‘न्याय के देवता’ भी कहा जाता है, श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है. मान्यता है कि जैसे अल्मोड़ा के गोलू देवता के मंदिर में भक्त अपनी अर्जी चिट्ठी के रूप में चढ़ाते हैं, उसी तरह इस मंदिर में भी भक्त अपनी मनोकामना पूरी होने पर घंटी चढ़ाते हैं.
चुनौतियों और परंपराओं का पालन
कहा जाता है कि पुराने समय में जब अदालतें नहीं हुआ करती थीं, तो लोग गोलू बाबा के समक्ष अपनी अर्जी लेकर आते थे और बाबा उनकी मनोकामना अवश्य पूरी करते थे. गोलू देवता की न्यायप्रियता के कारण भक्त उनके दरबार में अपने हर दुख-सुख लेकर आते हैं और न्याय की आस लगाते हैं.
मंदिर का निर्माण और उसकी शुरुआत
इस मंदिर को बने एक साल हो चुका है और इसे सक्सेना जी ने बनवाया है. उनका लंबे समय से सपना था कि उनके गांव में एक गोलू देवता का मंदिर हो, और उसी सपने को साकार करते हुए उन्होंने यह मंदिर बनवाया. बरेली में रहने वाले सक्सेना जी को एक साल पहले इस मंदिर के निर्माण का ख्वाब आया था, जिसके बाद उन्होंने मंदिर के लिए एक कमेटी गठित की और इस मंदिर का निर्माण शुरू कराया. आज दूर-दराज से पर्यटक यहां आकर गोलू महाराज के दर्शन करते हैं और अपनी अर्जी लगाते हैं.
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मंदिर की मान्यता और आस्था
गोलू देवता मंदिर के सेवागार और गांव के शिक्षक रहे सर्वेश कुमार ने लोकल-18 से खास बातचीत में बताया कि इस मंदिर की मान्यता वही है जो अल्मोड़ा के गोलू बाबा के मंदिर में है. भक्त अपनी अर्जी चिट्ठी पर लिखकर मंदिर में चढ़ाते हैं और जब उनकी मनोकामना पूरी होती है, तो वे यहां आकर एक घंटी चढ़ाते हैं. यह परंपरा आज भी भक्तों के बीच पूरी श्रद्धा और आस्था से निभाई जा रही है.
सक्सेना जी का सपना
सर्वेश कुमार ने बताया कि सक्सेना जी लंबे समय से इस मंदिर को बनवाने का सपना देख रहे थे. करीब 40 दिन पहले उन्हें फिर से गोलू बाबा का मंदिर बनवाने का सपना आया, जिसके बाद उन्होंने एक साल पहले ही इस विषय पर चर्चा शुरू की और आखिरकार इस मंदिर का निर्माण पूरा हुआ.
भक्तों की श्रद्धा
गोलू बाबा के दर्शन करने आए भक्तों ने हमें बताया कि गोलू बाबा को न्याय के देवता माना जाता है. जो भी भक्त अपनी अर्जी चिट्ठी में लिखकर बाबा के समक्ष चढ़ाते हैं, बाबा उनकी मनोकामना अवश्य पूरी करते हैं. दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु गोलू बाबा के मंदिर में अपनी मन्नतें मांगने आते हैं और बाबा पर अटूट विश्वास रखते हैं.
FIRST PUBLISHED : September 23, 2024, 16:06 IST
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