Tuesday, December 9, 2025
19 C
Surat

एमपी में यहां 3 लाख भक्तों ने लगाई डुबकी; एक ने चढ़ाई हजार मीटर लंबी चुनरी! जानें क्या है मान्यता?


Agency:Bharat.one Madhya Pradesh

Last Updated:

Narmda Jayanti 2025: खरगोन में 4 फरवरी को मां नर्मदा की जयंती धूमधाम से मनाई गई. लाखों श्रद्धालुओं ने नर्मदा घाटों पर स्नान और पूजन किया. भक्तों ने मां को चुनरी अर्पित की और मन्नतों का पूरा होने पर प्रसादी का व…और पढ़ें

X

मंडलेश्वर

मंडलेश्वर में नर्मदा जयंती पर स्नान पूजन करते श्रद्धालु.

हाइलाइट्स

  • नर्मदा जयंती पर तीन लाख भक्तों ने डुबकी लगाई.
  • 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की.
  • भक्तों ने मां नर्मदा को चुनरी अर्पित की.

खरगोन. मंगलवार को मध्य प्रदेश के खरगोन में 4 फरवरी को मां नर्मदा की जयंती धूमधाम से मनाई गई. पूरे दिन नर्मदा घाटों पर पूजन, अर्चन का दौर जारी रहा. वहीं, धार्मिक नगरी मंडलेश्वर, महेश्वर, बड़वाह, कसरावद सहित अन्य नर्मदा तटों पर ब्रह्म मुहूर्त और अभिजीत मुहूर्त में करीब तीन लाख श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. मन्नतधारियों ने मां नर्मदा को चुनरी भी अर्पित की. मान्यता है कि, आज के दिन नर्मदा स्नान, पूजन से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है.

अमरकंटक से लेकर खम्बात की खाड़ी तक मां नर्मदा के सभी प्रमुख घाटों पर भक्तों ने पूजन, अभिषेक किया. अमरकंटक के बाद मंडलेश्वर ऐसा क्षेत्र है जहां सबसे ज्यादा भंडारे होते हैं. यहां मंडलेश्वर और चोली के भक्तों द्वारा विगत 25 वर्षों से भंडारों का आयोजन हो रहा है. भोजन प्रसादी ग्रहण करने के लिए लगभग 25 गांवों के 30 हजार से ज्यादा लोग आते हैं. मंगलवार को भी हजारों भक्तों ने भोजन प्रसादी का लाभ लिया. जबकि, सुबह से शाम तक करीब 10 क्विंटल से ज़्यादा हलवा प्रसादी भक्तों में बांटी गई. साथ ही यहां आने वाले भक्तों को पोहे, बूंदी (नुक्ति), खिचड़ी और हलवा पूरी की प्रसादी भी अन्य भक्तों ने बांटी.

यहां भी हजारों भक्तों ने किया स्नान, पूजन
बड़वाह के नावघाट खेड़ी में 5 दिनों तक नदी महोत्सव मनाया गया. जिसका समापन आज यानी मंगलवार को किया गया. यहां हर दिन मां नर्मदा पर आधारित भजन संध्या और नृत्य प्रस्तुतियां आयोजित हुई. रोजाना 108 दीपों से मां नर्मदा की आरती की गई. समापन के अवसर पर नर्मदा की पालकी निकाली गई. आरती में 1 लाख से ज्यादा श्रद्धालु शामिल हुए. मंडलेश्वर, महेश्वर में नर्मदा पुराण का भी आयोजन हुआ.

मन्नत पूरी हुई तो ओढ़ाई हजार मीटर की चुनरी
इधर, सालों पुरानी मन्नत पूरी होने पर पुलिस विभाग में पदस्थ मुकेश यादव (ASI) ने Bharat.one से बातचीत में कहां कि, 12 साल पहले बड़वाह में पोस्टिंग थी, तब पत्नी ने मां नर्मदा से मन्नत ली. मन्नतें पूरी हो गईं. आज उसी मन्नत को उतारने मां नर्मदा का पूजन, अभिषेक के बाद करीब एक हजार मीटर की पीली साड़ी मां नर्मदा को अर्पण की. वहीं, मंडलेश्वर के कैलाश पगारे ने भी मां नर्मदा को चुनरी अर्पित की. कहा कि, छह महीने पहले खालवा निवासी साले की तबियत खराब थी, हर जगह इलाज करवाया, कई दिनों तक इंदौर में भर्ती रखा. वहां डॉक्टरों ने कह दिया था पंद्रह दिन भी बड़ी मुश्किल से निकाल पाएंगे, लेकिन मां नर्मदा के प्रति आस्था थी. मनोकामना ली तो वह ठीक हो गए. इसी प्रकार नर्मदा घाटों पर 50 से ज्यादा भक्तों ने चुनरी अर्पण की.

नर्मदा के दर्शन मात्र से दूर होते है पाप
गौरलतब है कि, हर साल माघ माह की सप्तमी तिथि को नर्मदा जयंती (नर्मदा प्रकोत्सव) मनाई जाती है. शास्त्रों के मुताबिक, आज के दिन भगवान शंकर ने संसार का कल्याण करने के लिए मध्याह्न काल में मां नर्मदा को प्रकट किया था. पंडित पंकज मेहता बताते हैं कि, नर्मदा पुराण के रेवा खंड में वर्णन है कि, गंगा में स्नान करने से जो पुण्य मिलता है वही पुण्य मां नर्मदा के दर्शन मात्र से मिल जाता है. भगवान शंकर ने नर्मदा को गंगा की तरह पाप क्षीण करने वाली नदी का वरदान भी दिया है.

homedharm

एमपी में यहां 3 लाख भक्तों ने लगाई डुबकी; एक ने चढ़ाई 1000मी लंबी चुनरी! जानें

Hot this week

Effects of Saturn in third house। शनि के तीसरे भाव के प्रभाव

Saturn In 3rd House: ज्योतिष में तीसरा भाव...

Topics

Effects of Saturn in third house। शनि के तीसरे भाव के प्रभाव

Saturn In 3rd House: ज्योतिष में तीसरा भाव...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img