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Karva chauth: अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 9 अक्टूबर को रात्रि 10:54 से शुरू होकर 10 अक्टूबर को शाम 7:38 पर समाप्त होगा. उदया तिथि के मुताबिक 10 अक्टूबर को करवा चौथ मनाया जाएगा. जिसमें पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:16 से लेकर 6:29 तक रहेगा
अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 9 अक्टूबर को रात्रि 10:54 से शुरू होकर 10 अक्टूबर को शाम 7:38 पर समाप्त होगा. उदया तिथि के मुताबिक 10 अक्टूबर को करवा चौथ मनाया जाएगा. जिसमें पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:16 से लेकर 6:29 तक रहेगा वहीं चंद्रोदय का समय शाम 7:42 होगा .करवा चौथ व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं बड़ी श्रद्धा के साथ निराजल व्रत रहती हैं. माता करवा की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करती हैं .मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि इस व्रत को विधि विधान पूर्वक करने से पति-पत्नी के बीच प्रेम तथा रिश्ता मजबूत होता है.
9 अक्टूबर को रात्रि 10:54 से शुरू होगा करवा चौथ का वर्त
करवा चौथ के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए निराजल व्रत का संकल्प लेना चाहिए भगवान सूर्य को अर्ग देना चाहिए. शिव मंदिर में जाकर भगवान शंकर माता पार्वती और भगवान गणेश की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करनी चाहिए. भगवान को पुष्प फल मिठाई और में भी का भोग लगाना चाहिए. माता करवा की पूजा आराधना करनी चाहिए. करवा चौथ व्रत की कथा का पाठ करना चाहिए. पूजा की थाली में फूल माला मिठाई धूप दीप होली इत्यादि रखना चाहिए. उसके बाद छलनी से का शाम के समय चंद्र दर्शन करना चाहिए उसके बाद पति का मुख देखना चाहिए पति के हाथों से पानी पीकर व्रत को खोलना चाहिए. करवा चौथ के दिन काले रंग के वस्त्र को धारण करने से बचना चाहिए यह अशुद्धता का प्रतीक माना जाता है बेहतर होगा कि आप रंगीन अथवा पारंपरिक वस्त्र धारण करें पूजा के स्थान पर घर की अच्छी तरह सफाई करनी चाहिए. पूजा के लिए जरूरी वस्तुएं जैसे फूल सिंदूर चूड़ी मेहंदी दीपक आदि समय से पहले इकट्ठा करना चाहिए पूजा करते समय मां पूरी तरह शुद्ध करनी चाहिए.