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कब है मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा? इस दिन कर लें यह अचूक उपाय, चमक जाएगी किस्मत! ज्योतिषी से जानें सब

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अयोध्या: सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है. पूर्णिमा तिथि धार्मिक मान्यता के अनुसार बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है और जब मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि हो, तो इसका महत्व भी और अधिक बढ़ जाता है. मान्यता के अनुसार पूर्णिमा तिथि का दिन चंद्र देव,  भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की उपासना के लिए समर्पित है. कहा जाता है कि इस दिन विधि विधान पूर्वक भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा आराधना करने से जीवन में खुशियां आती हैं. साथ ही सभी तरह के कार्य में सफलता प्राप्त होती है. हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि 15 दिसंबर को है. इस दिन गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान का भी विधान है.  इसके अलावा इस दिन दान पुण्य करने का भी विशेष महत्व बताया गया है. तो चलिए आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं कि क्या है पूर्णिमा तिथि का शुभ मुहूर्त और क्या  करें उपाय ताकि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त हो. तो चलिए इस रिपोर्ट में विस्तार से बताते हैं.

अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 14 दिसंबर को दोपहर 4:58 से शुरू हो रही है. जिसका समापन 15 दिसंबर को दोपहर 2:31 पर होगा. ऐसी स्थिति में मार्गशीर्ष पूर्णिमा 15 दिसंबर को मनाई जाएगी. धार्मिक मान्यता के अनुसार मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर विशेष चीजों का दान करने से सदैव माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस दिन गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान करने का भी महत्व है. तो चलिए जानते हैं कि सुख समृद्धि के लिए पूर्णिमा तिथि के दिन कौन सा खास उपाय करें.

पूर्णिमा तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद पीपल के पेड़ पर दूध और जल के साथ गुलाब की पंखुड़ी अर्पित करनी चाहिए. उसके बाद माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए दीपक जलाना चाहिए. मान्यता के अनुसार ऐसा करने से जीवन में सुख सौभाग्य और धन की प्राप्ति होती है.

इसके अलावा आप पूर्णिमा तिथि के दिन प्रदोष काल में घर के ईशान कोण पर घी का दीपक जलाकर रखें. ऐसा करने से धन लक्ष्मी आकर्षित होती है.

अगर आप अपने जीवनसाथी के साथ नए रिश्ते को मजबूत करना चाहते हैं, तो फिर पूर्णिमा तिथि के दिन स्नान के बाद सत्यनारायण भगवान को चंदन लगाने के साथ ही माता लक्ष्मी को लाल चुनरी चढ़ाना चाहिए. ऐसा करने से सभी मनोकामना पूरी होती है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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