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कब है मोहनी एकादशी का व्रत? इस दिन ऐसे करें पूजा, धन-दौलत के भर जाएंगे भंडार!


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Mohini Ekadashi Vrat 2025 Date: एकादशी का यह व्रत दशमी तिथि की संध्याकाल से ही शुरू हो जाता है जो द्वादशी की सुबह यानी ब्रह्म मुहूर्त के बाद तक किया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार की पूजा अर्चना, …और पढ़ें

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मोहिनी एकादशी व्रत का महत्व

ओम प्रयास /हरिद्वार: हिंदू धर्म में रोजाना तीज त्योहारों का आगमन होता रहता है. इन तीज त्योहार पर शास्त्रों में बताई गई विधि अनुसार यदि धार्मिक अनुष्ठान, व्रत, पूजा पाठ, आराधना की जाए तो उस पर्व का संपूर्ण फल प्राप्त होता है. ऐसे ही साल में 24 एकादशी का आगमन मानव जीवन को सफल बनाने के लिए होता है. यदि एकादशी तिथि का व्रत शास्त्रों में बताई गई विधि से किया जाए तो जीवन में अपार सफलता के साथ कार्यों में आ रही सभी बाधाएं खत्म हो जाती हैं. धार्मिक ग्रंथो, वेदों पुराणों के अनुसार वैशाख मास भगवान विष्णु को बेहद ही प्रिय है. इस मास के शुक्ल पक्ष में मोहिनी एकादशी का आगमन होता है. सभी 24 एकादशी में मोहिनी एकादशी का अपना ही महत्व है. इसका व्रत विधि विधान से करने और इस दिन विष्णु भगवान की विशेष पूजा अर्चना, आराधना करने पर अक्षय फल की प्राप्ति होने की मान्यता है.

मोहिनी एकादशी के महत्व की ज्यादा जानकारी देते हुए हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि साल भर में 24 एकादशी का आगमन होता है. सभी एकादशी का अपना अपना महत्व होता है. इन सभी में मोहिनी एकादशी का आगमन वैशाख शुक्ल पक्ष में होता है आदि अनादि काल में समुद्र मंथन में निकले अमृत को लेकर जब देवताओं और असुरों में युद्ध चल रहा था, तो धर्म की स्थापना करने के लिए भगवान विष्णु ने इसी दिन मोहिनी अवतार लिया था. वह आगे बताते हैं कि मोहिनी एकादशी का शास्त्रों में बताई गई विधि से करने पर मोह माया के सभी बंधन कट जाते हैं.

एकादशी का यह व्रत दशमी तिथि की संध्याकाल से ही शुरू हो जाता है, जो द्वादशी की सुबह यानी ब्रह्म मुहूर्त के बाद तक किया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार की पूजा अर्चना, भगवान विष्णु के स्त्रोत, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ किया जाता है जिससे मोह माया के सभी बंधन कट जाते हैं और परमधाम की प्राप्ति होती है साथ ही भगवान विष्णु प्रसन्न होकर कभी ना खत्म होने वाला अक्षय फल प्रदान करते हैं. इस व्रत को करने से जहां भगवान विष्णु प्रसन्न होकर अक्षय फल प्रदान करते हैं तो वहीं देवी लक्ष्मी धन के भंडार भर देती हैं. साल 2025 में मोहिनी एकादशी का व्रत 8 मई बृहस्पतिवार को होगा. मोहिनी एकादशी 7 मई की सुबह 10:20 से शुरू होगी जो 8 मई की दोपहर 12:29 तक रहेगी. उदया तिथि के अनुसार 8 मई को मोहिनी एकादशी का व्रत करने पर संपूर्ण फल की प्राप्ति होगी.

Note: मोहिनी एकादशी के बारे में ज्यादा जानकारी करने के लिए आप हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री से उनके फोन नंबर 9557125411 और 9997509443 पर संपर्क कर सकते हैं.

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कब है मोहनी एकादशी का व्रत? इस दिन ऐसे करें पूजा, धन-दौलत के भर जाएंगे भंडार!

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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