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Rangbhari Ekadashi 2025: रंगभरी एकादशी पर भर महादेव और भगवान विष्णु को अबीर जरूर अर्पित करना चाहिए. इससे मां लक्ष्मी और मां पार्वती प्रसन्न होती हैं और उनकी कृपा मिलती है. देवघर के आचार्य से जानें सब…
कब है रंगभरी एकादशी, क्या है महत्व?
हाइलाइट्स
- रंगभरी एकादशी 10 मार्च को है
- भगवान विष्णु, लक्ष्मी, शिव, पार्वती की पूजा होती है
- काशी में विशेष पूजा और होली खेली जाती है
देवघर: साल भर में 24 एकादशी व्रत होते हैं, यानी हर महीने में दो. लेकिन, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी का सभी को इंतजार रहता है. यूं तो एकादशी व्रत में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है. लेकिन, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी के साथ भगवान शिव और मां पार्वती की भी पूजा की जाती है. इस एकादशी को अमलकी या रंगभरी भी कहते हैं.
रंगभरी या अमलकी एकादशी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी पर आंवला अर्पण किया जाता है. यह ऐसी एकादशी होती है, जिसमें भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का भी विधान है. इस साल रंगभरी एकादशी 10 मार्च को पड़ रही है. उसी दिन एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इसके अलावा इसी दिन भगवान की होली भी होती है.
रंगभरी एकादशी का महत्व
देवघर के ज्योतिषाचार्य पं. नंदकिशोर उद्गल ने बताया कि रंगभरी एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी पर अबीर अर्पण करना चाहिए. विशेष कर काशी में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अबीर-गुलाल से ही की जाती है. कथा के अनुसार, भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के पश्चात पहली बार दोनों जब कैलाश आए थे तो शिवगण ने अबीर-गुलाल से ही उनका स्वागत किया था. रंगभरी एकादशी के दिन काशी विश्वनाथ में विशेष पूजा की जाती है. लोग दूर-दूर से होली खेलने पहुंचते हैं. रंगभरी एकादशी के दिन शिवलिंग पर अबीर अवश्य अर्पण करना चाहिए.
कब से शुरू हो रही एकादशी
ऋषिकेश पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि की शुरुआत 9 मार्च को 8 बजकर 15 मिनट से होगी. समापन अगले दिन यानी 10 मार्च 08 बजकर 05 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार 10 मार्च को ही रंग भरी एकादशी का व्रत रखा जाएगा.
Deoghar,Jharkhand
March 03, 2025, 07:14 IST
कब है रंगभरी एकादशी? इस दिन हरि हर संग जरूर खेलें होली, जानें महत्व
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.