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कब है साल का पहला प्रदोष व्रत? ऐसे करें पूजा, परेशानियां हो जाएंगी खत्म, मिलेंगे चमत्कारी लाभ

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Pradosh Vrat 2025 Date हिंदू वर्ष संवत 2082 के पहले प्रदोष व्रत को शास्त्रों में बताई गई विधि के अनुसार करने पर रुके हुए सभी कार्य पूर्ण होने के साथ पितरों का संपूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होता है. हिंदू वर्ष (संवत…और पढ़ें

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हिंदू वर्ष 2082 के पहले प्रदोष व्रत का महत्व 

हाइलाइट्स

  • हिंदू वर्ष का पहला प्रदोष व्रत 10 अप्रैल को है.
  • व्रत करने से रुके हुए कार्य पूरे होंगे.
  • भगवान शिव का आशीर्वाद और पितरों का आशीर्वाद मिलेगा.

ओम प्रयास /हरिद्वार. हिंदू धर्म में प्रदोष तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. प्रदोष तिथि पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है. यह तिथि भगवान शिव को समर्पित है. हिंदू धर्म के अनुसार पहला प्रदोष व्रत करने से जीवन में सुख समृद्धि और खुशहाली आती है. वहीं इस व्रत को शास्त्रों में बताई गई विधि के अनुसार करने पर रुके हुए सभी कार्य पूर्ण होने के साथ पितरों का संपूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होता है. हिंदू वर्ष (संवत) 2082 का पहला प्रदोष व्रत चैत्र शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 10 अप्रैल बृहस्पतिवार के दिन किया जाएगा.

हिंदू वर्ष संवत 2082 के पहले प्रदोष व्रत की ज्यादा जानकारी देते हुए हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है. इस व्रत को विधि विधान से करने पर भगवान शिव विशेष फल प्रदान करते हैं, जिससे जीवन में चल रही सभी समस्याएं खत्म हो जाती हैं और जीवन में सुख समृद्धि खुशहाली आती है. हिंदू वर्ष 2082 का पहला प्रदोष व्रत 10 अप्रैल बृहस्पतिवार के दिन किया जाएगा. वह बताते हैं कि प्रदोष व्रत को कायिक, वाचिक और मानसिक रूप से पवित्र होकर करने पर अनेक चमत्कारी लाभ मिलते हैं.

साल में 24 प्रदोष व्रत का आगमन होता है प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि को होता है जो भगवान शिव को समर्पित है ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करके प्रदोष व्रत का संकल्प करें इसके बाद भगवान शिव के मंत्र का जाप स्तोत्र का पाठ भजन कीर्तन आदि किया जाता है इस व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त करने के लिए त्रयोदशी तिथि के प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा पाठ, स्तोत्र रुद्राष्टक, पशुपत्येष्टक, शिव तांडव स्तोत्र आदि का पाठ किया जाता है. वह बताते हैं कि हिंदू वर्ष का पहला प्रदोष व्रत विधि विधान से करने पर कार्यों में आ रही रुकावट खत्म होने, आर्थिक समस्याएं खत्म होने, डर से छुटकारा मिल जाता हैं साथ ही भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा वर्ष पर बनी रहती है.

NOTE: हिंदू वर्ष के पहले प्रदोष व्रत के महत्व की ज्यादा जानकारी के लिए आप हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री से उनके फोन नंबर 9557125411 और 9997509443 पर संपर्क कर सकते हैं.

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कब है साल का पहला प्रदोष व्रत? ऐसे करें पूजा, परेशानियां हो जाएंगी खत्म

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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