अयोध्या. प्रभु श्रीराम के अयोध्या में विराजमान होने के बाद पहली बार उनकी बारात जनकपुर से लौटकर धर्मनगरी पहुंची. विवाह पंचमी (6 दिसंबर) के दिन जनकपुर में प्रभु श्रीराम और माता सीता का विवाह संपन्न हुआ था. विवाह के उपरांत, आज भगवान श्रीराम, उनके तीनों भाई और वधुएं रथ पर विराजमान होकर अयोध्या नगर भ्रमण पर निकले. त्रेता युग की तरह अयोध्यावासियों ने अपने आराध्य का जगह-जगह पर पुष्पवर्षा और आतिशबाजी के साथ भव्य स्वागत किया.
भगवान श्रीराम, माता सीता और उनके भाइयों भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न के साथ तीनों वधुओं का अयोध्या में उत्साहपूर्वक स्वागत किया गया. राम मंदिर के मुख्य द्वार पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने आरती उतारी, पुष्पवर्षा की, और आतिशबाजी से समूचा वातावरण भक्तिमय बना दिया. नगरवासियों ने नाचते-गाते अपने आराध्य और उनकी बारात का स्वागत किया. त्रेता युग की परिकल्पना को साकार करता यह दृश्य अयोध्या में देखने लायक था. हर गली और चौराहे पर बारात का स्वागत किया गया, और पूरी नगरी राममय हो गई.
विवाह पंचमी से वापसी तक का सफर
रामलला की बारात 26 नवंबर को कारसेवकपुरम से जनकपुर के लिए रवाना हुई थी. 6 दिसंबर को विवाह पंचमी पर जनकपुर में भगवान राम और माता सीता का विवाह धूमधाम से संपन्न हुआ. इसके 14 दिन बाद बारात अयोध्या लौटकर आई, जिसका स्वागत नगरवासियों ने अद्भुत उत्साह के साथ किया.
राम मंदिर ट्रस्ट का बयान
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया, “यह पहली बार है जब भगवान श्रीराम के विराजमान होने के बाद उनकी बारात जनकपुर गई और अयोध्या लौटी. यह दृश्य अद्भुत और अलौकिक था. बारातियों और अयोध्यावासियों ने झूमते हुए भगवान श्रीराम और माता सीता का स्वागत किया. पूरी नगरी त्रेता युग जैसी प्रतीत हो रही थी.”
अयोध्या में उल्लास और भक्ति का माहौल
इस ऐतिहासिक आयोजन ने न केवल अयोध्या के लोगों को बल्कि देशभर से आए श्रद्धालुओं को भी त्रेता युग की अनुभूति कराई. जनकपुर से अयोध्या लौटने वाली इस बारात ने भक्तों के मन में अद्भुत उत्साह और भक्ति का संचार किया.
FIRST PUBLISHED : December 11, 2024, 10:50 IST