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Rules For 4 Marrige In Islam: क्या हर मुस्लिम पुरुष 4 शादियां कर सकता है? आम धारणा यही है, लेकिन इस्लामिक शरीयत में हकीकत कुछ और ही है. कुरान शरीफ में दूसरी, तीसरी और चौथी शादी की इजाजत तो है, लेकिन इसके साथ कई कड़ी शर्तें भी जुड़ी हैं. आइए जानते हैं क्या है वो शर्तें?
अलीगढ़ के मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना चौधरी इफराहीम हुसैन का कहना है कि इस्लाम में 4 शादियां करने की इजाजत तो दी गई है, लेकिन किन हालात में और किस कंडीशन में यह जानना बेहद जरूरी है। अगर मर्द चारों के साथ बराबरी का इंसाफ नहीं कर पाए तो उसके लिए सिर्फ एक ही शादी करना बेहतर बताया गया है. कुरान की सूरा-ए-निसा की आयत में कहा गया है कि अगर कोई पुरुष न्याय और बराबरी कर सकता है तो उसे चार तक निकाह की अनुमति है. लेकिन साथ ही साफ शब्दों में चेतावनी भी दी गई है कि यदि इंसाफ न कर सको तो केवल एक ही पत्नी रखो. यानी इस्लाम में एक से ज्यादा शादियों की इजाजत एक जिम्मेदारी के साथ दी गई है, न कि मनमानी के लिए.
चौधरी इफराहीम हुसैन ने बताया कि अगर जंग जैसी सूरत हो, समाज में औरतों की तादाद बढ़ जाए, पहली बीवी बीमार हो जाए और हुकूक-ए-जोज़ियत पूरे तौर पर अदा न हो पा रहे हों, तो ऐसी हालत में दूसरी या तीसरी शादी की जा सकती है. लेकिन हर हाल में इंसाफ का कायम रहना जरूरी है.
क्या पत्नी की मंजूरी है जरूरी?
मौलाना साहब ने यह भी कहा कि एक से ज्यादा शादियां करने के लिए पहली या दूसरी बीवी से सहमति लेना जरूरी है क्योंकि आमतौर पर कोई भी महिला अपने शौहर की दूसरी शादी की इजाजत आसानी से नहीं देती. मगर अगर जरूरत पड़ जाए, या किसी को सहारे की जरूरत हो, तो इस लिहाज से पहली बीवी की इजाजत लेना जरूरी है.

मीडिया फील्ड में 5 साल से अधिक समय से सक्रिय. वर्तमान में News-18 हिंदी में कार्यरत. 2020 के बिहार चुनाव से पत्रकारिता की शुरुआत की. फिर यूपी, उत्तराखंड, बिहार में रिपोर्टिंग के बाद अब डेस्क में काम करने का अनु…और पढ़ें
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