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क्या दूल्हा-दुल्हन अपने वचन बना सकते हैं? सनातन धर्म में क्या है शादी की परंपरा जानें ज्योतिष से

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Agency:Bharat.one Jharkhand

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Shadi ke Vachan: सनातन धर्म में विवाह के दौरान कई विधि-विधान और परंपराएं निभाई जाती हैं. इनमें से एक महत्वपूर्ण परंपरा सात फेरे होती है, जिसे सप्तपदी भी कहा जाता है. शादी के दौरान दूल्हा-दुल्हन अग्नि को साक्षी …और पढ़ें

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वचन के बारे मे बताते देवघर के ज्योतिषाचार्य

हाइलाइट्स

  • सनातन धर्म में शादी के दौरान सात फेरे लिए जाते हैं.
  • वचन शास्त्र में उल्लेखित होते हैं, पंडित जी बताते हैं.
  • शादी में चार मुख्य वचन पति-पत्नी को निभाने होते हैं.

परमजीत /देवघर: सनातन धर्म में शादी के दौरान कई विधि विधान और परंपराएं निभाई जाती हैं. उन्हें में से एक परंपरा होता है सात फेरा. शादी विवाह के दौरान दिए गए सात फेरे को सप्तपदी भी कहा जाता है. दूल्हा दुल्हन अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लेते हैं. इन फेरों के दौरान पंडित जी के द्वारा दूल्हा दुल्हन को कुछ वचन भी बताए जाते हैं. वचन निभाने के संकल्प लेने के बाद ही शादी विवाह संपन्न होता है. कई लोगों की मन में यह सवाल उठना होगा कि क्या यह वचन खुद से क्या पंडित जी के द्वारा बनाए जाते हैं या फिर यह शास्त्र में उल्लेख है. इन सवालों के जवाब जानते हैं हम देवघर की ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुदगल जी से?

क्या कहते है देवघर के ज्योतिषाचार्य :
देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने Bharat.one के संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि विवाह एक ऐसा बंधन है जिसमें दो लोग ही नहीं बल्कि दो परिवारों का मिलन होता है. दो अनजान लोग अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लेते हैं और वचन का संकल्प भी लेते हैं. यह वचन शास्त्र में उल्लेख है. बिना वचन का संकल्प लिए शादी विवाह अधूरी मानी जाती है. वचन का दांपत्य जीवन में बेहद खास महत्व होता है. वचन का अगर महत्व समझ लिया जाए तो वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है.

शादी विवाह मे कितने और कौन कौन से वचन लिए जाते है :
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि शादी विवाह के दौरान पंडित जी सात नहीं बल्कि चार वचन पति पत्नी को निभाने बोला जाता है. पहला वचन यह होता है की पत्नी अपने पति से लेती है की अपनी कमाई का आधा हिस्सा आप मुझे देंगे. दूसरा वचन पत्नी अपने पति से लेती है कि जो भी धर्म कर्म है उनमें आप मुझे साथ ले चलेंगे.तीसरा वचन पति अपने पत्नी से लेता है कि मेरे अलावा तुम किसी पराये पुरुष की तरफ नही देखेगी. चौथा वचन पति अपने पत्नी से लेती है कि मुझसे पूछे बिना कोई कार्य नही करेगी. इन वचन का संकल्प लेने के बाद विवाह सम्पन्न माना जाता है और यह वचन शास्त्र मे उल्लेख है.

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