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Kharmas 2025: आज से शुभ कार्य की घड़ी समाप्त हो चुकी. खरमास प्रारंभ हो चुका है. इससे शादी समेत अन्य मांगलिक कार्य नहीं किए जा सकेंगे. इस दौरान शुभ कार्यों की मनाही होती है. जानें क्या करना चाहिए…
Kharmas 2025: हिन्दू धर्म में खरमास को महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दौरान भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा की जाती है, जिससे व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और खुशियां आती हैं. लेकिन, इस दौरान मांगलिक कार्य शुभ नहीं माने जाते हैं. खरमास के दौरान विवाह आदि जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. सूर्य का बृहस्पति की राशि धनु या मीन में प्रवेश करने पर मलमास या खरमास लगता है. आइए उज्जैन के पंडित आनंद भारद्वाज से जानते हैं कि इस दौरान किन कार्यों को करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है.
कब से शुरू हो रहा खरमास?
इस बार खरमास की शुरुआत 16 दिसंबर यानी आज से हो रही है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करते ही खरमास की शुरुआत हो जाती है. खरमास की इस 30 दिन की अवधि में सभी मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं.
आखिर क्यों लगता है खरमास?
ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, खरमास के समय सूर्य देव धनु अथवा मीन राशि में स्थित होते हैं. इस कालखंड में सूर्य की तेजस्वी ऊर्जा कुछ मंद मानी जाती है. चूंकि सूर्य को नवग्रहों का अधिपति और आत्मबल का प्रमुख कारक माना गया है, इसलिए उनकी पूर्ण कृपा के अभाव में किए गए मांगलिक कार्य अपेक्षित सफलता प्रदान नहीं कर पाते. इतना ही नहीं, इस अवधि में देवगुरु बृहस्पति भी अपनी संपूर्ण शुभ शक्ति का प्रभाव नहीं दिखा पाते, जिसके कारण शुभ आयोजनों का फल अधूरा या कमजोर रह सकता है.
भूल से भी ना करें ये कार्य
– खरमास में शुभ काम नहीं होते. इस दौरान नया घर खरीदना या गृह प्रवेश करना अशुभ माना जाता है.
– इसी के साथ बहुत से लोग नए साल में नया व्यापार या वाहन खरीदते हैं, लेकिन खरमास में यह शुभ कार्य नहीं करना चाहिए.
– दिसंबर माह में कई विवाह के शुभ मुहूर्त थे, लेकिन अब खरमास की शुरुआत हो गई है. इस दौरान शादी, मुंडन, जनेऊ, सगाई आदि कार्य भूल से भी नहीं करना चाहिए.
खरमास में जरूर करें ये कार्य
उज्जैन के पंडित आनंद भारद्वाज के अनुसार, इस दौरान प्रतिदिन सूर्य को जल अर्पित करना काफी शुभ माना जाता है. इसी के साथ जो पक्षियों और पशुओं की सेवा करता है, उस पर भगवान की विशेष कृप बनी रहती है. उसी के साथ भगवान विष्णु और तुलसी की पूजा करना चाहिए.जप, तप और दान का भी खास महत्व है. गंगा या अन्य पवित्र नदी में स्नान करना जरूरी है.मलमास के गुरुवार को केले का दान करना शुभ माना जाता है. कुल मिलाकर, खरमास को ठहराव और साधना का समय माना गया है. इस अवधि में संयम और धार्मिक आचरण अपनाने से जीवन में संतुलन, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है.
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एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म…और पढ़ें
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.







