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गयाजी में पिंडदान करना क्यों जरुरी? इसलिए देश-विदेश से यहां आते हैं लोग, पितरों की होती है यह इच्छा


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सनातन धर्म में मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष में पितरों के लिए किया गया पिंडदान और तर्पण पितरों को संतुष्टि दिलाता है और इससे पितरों के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों का भी उद्धार होता है. 

गया. सनातन धर्म में मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष में पितरों के लिए किया गया पिंडदान और तर्पण पितरों को संतुष्टि दिलाता है और इससे पितरों के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों का भी उद्धार होता है. श्राद्ध पक्ष के अलावा देश भर में ऐसे कई स्थान हैं जहां पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष मिलने की बात कही जाती है. इन्हीं में से एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है गया. शास्त्रों में कहा गया है गया वो स्थान है जहां पिंडदान करने से 108 कुलों और आने वाली सात पीढ़ियों का उद्धार होता है.

पुराणों में गया को मोक्ष स्थली के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहां साक्षात भगवान विष्णु पितृदेव के रूप में विद्यमान रहते हैं. गया बिहार राज्य में स्थित है और फल्गु नदी के तट पर किया गया पिंडदान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति गया जाकर पिंडदान करता है वो हमेशा के लिए पितृऋण से मुक्त हो जाता है. इसके बाद उसे श्राद्ध करने की जरूरत नहीं रह जाती. पुराणों में कहा गया है कि गया के फल्गु नदी तट पर ही भगवान राम ने अपने पिता राजा दशरथ का पिंडदान किया था.

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लाखों की संख्या में पिंडदान करने आते हैं लोग
भगवान राम ने यहां अपने पिता के लिए श्राद्ध कर्म और तर्पण किया और उनकी आत्मा के लिए शांति की प्रार्थना की थी. इतना ही नहीं महाभारत काल में पांडवों ने भी यहां अपने पितरों का पिंडदान करके उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की थी. गया में यूं तो पूरे साल पिंडदान करने वालों की भीड़ रहती है लेकिन पितृपक्ष में यहां काफी ज्यादा भीड़ हो जाती है. यहां हर साल पितृपक्ष के दौरान एक मेला लगता है जिसमें काफी लोग भाग लेते हैं.

गया जाना क्यों हैं जरूरी
गरुड़ पुराण में आत्मा की शांति के लिए गया को एक महत्वपूर्ण स्थल कहा गया है जहां पिंडदान और श्राद्ध कर्म करने से व्यक्ति को मोक्ष प्राप्त होता है. विष्णुपद क्षेत्र के पंडा गजाधर लाल कटरियार बताते हैं कि गया पुत्रों के लिए इसलिए जरूरी है कि शास्त्र में कहा गया है जीवन हमारा हुआ है तो अपनी समस्या का समाधान पिता से कराएं. जब पिता गुजर जाएं तो उनका श्राद्ध भी करें. लेकिन पितरों की इच्छा होती है कि हमारा पुत्र गया जाकर पिंडदान करेगा, जिससे हमें मोक्ष की प्राप्ति हो सके.

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Mohd Majid

with more than 4 years of experience in journalism. It has been 1 year to associated with Network 18 Since 2023. Currently Working as a Senior content Editor at Network 18. Here, I am covering hyperlocal news f…और पढ़ें

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