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देवघर के ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल के अनुसार घर में शिवलिंग स्थापित करना उचित है, पर कुछ नियम हैं. शिवलिंग का आकार एक अंगूठे से बड़ा नहीं होना चाहिए और लाने से पहले उसकी प्रतिष्ठा होनी चाहिए. अभिषेक का जल या दूध किसी पात्र में इकट्ठा कर नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए.
देवघर: भगवान शिव को अत्यंत दयालु माना जाता है, जो सच्चे मन से किए गए एक लोटा जल के अर्पण से भी प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं. कई भक्त मंदिर न जाकर घर पर ही शिवलिंग स्थापित कर पूजा-आराधना करते हैं. क्या घर में शिवलिंग रखना उचित है और इसके लिए क्या नियम हैं?
देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने इस संबंध में विस्तार से जानकारी दी.
घर में शिवलिंग स्थापना: नियम और विधि
ज्योतिषाचार्य मुद्गल जी के अनुसार, घर में शिवलिंग स्थापित किया जा सकता है, इसमें कोई दोष नहीं है, लेकिन इसके लिए कुछ विशेष नियमों का पालन करना अनिवार्य है:
- प्रतिष्ठा और आकार:
- जब भी शिवलिंग घर लाएँ, तो पहले उसकी विधिपूर्वक प्रतिष्ठा करें और उसके बाद ही पूजा शुरू करें.
- सबसे महत्वपूर्ण नियम यह है कि शिवलिंग का आकार एक अंगूठे से बड़ा नहीं होना चाहिए.
- पूजा स्थान:
- अगर आपके घर में विधिवत पूजा घर है, तभी शिवलिंग लाकर रखें. अन्यथा, शिवलिंग की स्थापना से बचना चाहिए.
- क्रय (खरीदने) का नियम:
- अगर आप किसी तीर्थ स्थल पर पूजा-आराधना करने गए हैं, तो वहाँ से कोई भी शिवलिंग खरीदकर सीधे घर में लाकर न रखें.
जल अर्पण के बाद क्या करें?
- जिनके घर में शिवलिंग है, उन्हें प्रत्येक दिन शिवलिंग की पूजा-आराधना करनी चाहिए और भोग लगाना चाहिए.
- शिवलिंग पर जल या दूध से अभिषेक करते समय शिवलिंग को किसी पात्र (बर्तन) में रखकर ही अभिषेक करें.
- अभिषेक के बाद बचे हुए उस जल या दूध को किसी नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए.
पंडित जी ने कहा कि भगवान शिव जितने भोले हैं, उतनी ही जल्दी वे क्रोधी भी होते हैं. इसलिए उनकी पूजा अत्यंत नियम और शुद्धता से करनी चाहिए.
मीडिया में 6 साल का अनुभव है. करियर की शुरुआत ETV Bharat (बिहार) से बतौर कंटेंट एडिटर की थी, जहां 3 साल तक काम किया. पिछले 3 सालों से Network 18 के साथ हूं. यहां बिहार और झारखंड से जुड़ी खबरें पब्लिश करता हूं.








