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Ayodhya News : चंद्रग्रहण के चलते अयोध्या में धार्मिक परंपराओं का पालन किया जा रहा है. सूतक काल की शुरुआत होते ही रामलला दरबार, हनुमानगढ़ी समेत सभी प्रमुख मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए हैं. इ…और पढ़ें
राम मंदिर का दरबार भक्तों के लिए आज दोपहर 12:57 बजे से पहले ही बंद कर दिया गया है और दर्शन मार्ग पर श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि चंद्र ग्रहण की वजह से आज दर्शन नहीं हो पाएंगे. राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा ने बताया कि चंद्र ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले मंदिर बंद कर दिया गया है. अब अगले दिन सुबह 4:00 बजे भगवान का स्नान कराया जाएगा, मंगला आरती की जाएगी और उसके बाद भक्तों के लिए प्रभु राम का दरबार खोल दिया जाएगा. इस दौरान भक्त जहां हैं वहीं महामृत्युंजय मंत्र के साथ अनेक दिव्य मंत्र का जाप करें, ऐसा करने से नकारात्मक शक्तियां दूर होंगी.
कब खुलेगा हनुमानगढ़ी का कपाट?
हनुमानगढ़ी के महंत संजय दास ने बताया कि ग्रहण की वजह से हनुमानगढ़ी मंदिर का पट बंद हो चुका है. 12:57 बजे से ही मंदिर को बंद कर दिया गया है. श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि ग्रहण की वजह से मंदिर आज बंद रहेगा. ग्रहण 1:30 बजे समाप्त होगा, उसके बाद सिद्ध पीठ हनुमानगढ़ी मंदिर को 2:30 बजे खोला जाएगा. चार पुजारी हनुमान जी महाराज का श्रृंगार करेंगे, आरती करेंगे और उसके बाद श्रद्धालुओं के लिए हनुमान जी महाराज का दरबार खोल दिया जाएगा. सूतक काल में हवन यज्ञ के साथ मंत्र का जाप किया जाता है ताकि नकारात्मक शक्तियां दूर हों.
इसके अलावा कनक भवन और दशरथ महल मंदिर को भी ग्रहण की वजह से बंद कर दिया गया है. मंदिर के व्यवस्था में लगे लोगों ने बताया कि मंदिर को पुनः कल श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा. प्रतिदिन जैसे मंगला आरती और श्रृंगार आरती होती है, वैसे ही आरती कर भगवान की प्रतिमा को गंगाजल और सरयू जल से अभिषेक करने के बाद भक्तों के लिए दर्शनार्थ खोला जाएगा.
सूतक काल में मंदिर के कपाट बंद
राम कचहरी चारों धाम मंदिर के महंत शशिकांत दास ने बताया कि आज साल का आखिरी चंद्र ग्रहण है जो रात 9:57 बजे लगेगा. इसके 9 घंटे पहले सूतक काल लगता है और सूतक काल लगते ही अयोध्या के मठ-मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. इस दौरान सनातन धर्म को मानने वाले लोग अपने घरों में या पवित्र नदियों के किनारे महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं ताकि नकारात्मक शक्तियां दूर हों. इसके साथ ही मंदिरों के पट बंद करने के बाद अगले दिन पुनः श्रृंगार आरती की जाती है और फिर श्रद्धालुओं के लिए दर्शन खोल दिया जाता है.