दिल्ली. चैत्र नवरात्रि 2025 का पर्व 25 मार्च से शुरू हो रहा है. ये पर्व हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए बेहत महत्त्वपूर्ण है, जो देवी दुर्गा की आराधना के लिए पूरे नौ दिनों तक उपवासी रहते हुए विशेष फलाहारी पकवान बनाते हैं. इस बार नवरात्रि में श्रद्धालु मातारानी को नौ दिन तक भोग अर्पित कर हर दिन एक अलग फलाहारी पकवान तैयार करने का संकल्प ले सकते हैं. नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. इस अवसर पर व्रत रखने वाले भक्त विशेष आहार करते हैं, जो आमतौर पर गेहूं, चावल, आलू, प्याज, लहसुन और अन्य तामसी पदार्थों से मुक्त होते हैं.
नवरात्र में फलाहारी पकवानों का सेवन किया जाता है, जिनमें ताजे फल, मेवे, सिंघाड़े के आटे से बने व्यंजन और साबूदाने से बने विभिन्न पकवान प्रमुख होते हैं. चलिए देखते हैं नवरात्रि के नौ दिन के लिए अलग-अलग फलाहारी पकवानों की लिस्ट.
पहला दिन- सिंघाड़े के आटे की पूड़ी
सिंघाड़े के आटे से बनी पूड़ी और आलू की सब्जी मातारानी को अर्पित करें. ये पकवान ऊर्जा से भरपूर और स्वादिष्ट होता है.
दूसरा दिन- साबूदाना खिचड़ी
साबूदाना खिचड़ी, जिसे विशेष रूप से व्रत के दौरान खाया जाता है. इसे मातारानी के चरणों में अर्पित करें. ये पकवान हल्का और ताजगी से भरपूर होता है.
तीसरा दिन- कुट्टू की रोटियां
कुट्टू के आटे से बनी रोटियां और आलू की सजावटी सब्जी को श्रद्धा से बनाएं और मातारानी को अर्पित करें.
चौथा दिन- फल और मेवों का हलवा
ताजे फलों और मेवों से तैयार हलवा, जिसमें बादाम, पिस्ता, और काजू शामिल हो, एक उत्तम भोग होगा.
पांचवां दिन- आलू-पार्टी और दही
आलू की भाजी और दही का साथ नवरात्र के इस दिन को विशेष बनाएगा. ये दोनों चीजें हल्की और स्वादिष्ट होती हैं.
छठा दिन- सिंघाड़े के आटे की खीर
सिंघाड़े के आटे से बनी खीर, जो मातारानी को अर्पित की जाती है. इस दिन के लिए खास होती है.
सातवां दिन- साबूदाना वड़ा
साबूदाना वड़ा एक विशेष व्रत व्यंजन है, जो नवरात्रि के दौरान बहुत डिमांड और फेमस रहता है.
आठवां दिन- कच्चे केले की सब्जी
कच्चे केले की सब्जी को हलके मसालों में पकाकर मातारानी को अर्पित करें. ये स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है.
नौवां दिन- नारियल की बर्फी
नवरात्रि के अंतिम दिन मातारानी को नारियल की बर्फी अर्पित करें, जो स्वादिष्ट और पवित्र होती है.
विशेष ध्यान रखने योग्य बातें
नवरात्रि उपवास के दौरान सभी पकवान ताजे और शुद्ध रूप से तैयार करें. ध्यान रखें कि पकवान में तामसी तत्व न हों और उनका स्वाद पवित्रता से भरपूर हो. भोग में ताजे फल, मेवे और सिंघाड़े का आटा जैसे प्रमुख सामग्री का उपयोग करें ताकि भोग अधिक पवित्र और स्वादिष्ट हो. मातारानी को अर्पित किए जाने वाले इन पकवानों का स्वाद भक्तों को आंतरिक रूप से शांति और सुख प्रदान करता है.