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छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में भगवान हनुमान का एक अद्भुत मंदिर है. यह एक ऐसा हनुमान मंदिर है जो लोगों के लिये आस्था का केन्द्र बना हुआ है. यहां स्थापित बजरंगबली की प्रतिमा प्रत्येक वर्ष कुछ न कुछ इंच बढ़ रही है

हनुमान मंदिर लमगांव
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में भगवान हनुमान का एक अद्भुत मंदिर है. यह एक ऐसा हनुमान मंदिर है जो लोगों के लिये आस्था का केन्द्र बना हुआ है. यहां स्थापित बजरंगबली की प्रतिमा प्रत्येक वर्ष कुछ न कुछ इंच बढ़ रही है. यही कारण है कि इसे लोग चमत्कार मानते हैं। इस अद्भुत चमत्कार के चर्चे अब दूर दूर तक फैल रहे हैं. यही वजह है कि लोग लमगांव के हनुमान जी के दर्शन को यहां पहुंचते हैं. इतना ही नहीं मूर्ति पेड़ से स्वयं प्रगट हुई थी. 80 वर्ष पहले एक पेड़ के नीचे दिखी थी और तभी से बजरंगबली का पूजन पेड़ के नीचे किया जाने लगा. धीरे धीरे लोगों ने यहां भव्य मंदिर बनवा दिया. पेड़ सूख गया लेकिन बजरंगबली आज भी उसी स्थान पर विराजमान हैं.
लमगांव में इस मंदिर की स्थापना अप्रैल में 1955 में हुई थी. इस मंदिर में भक्तों हनुमान जी के दर्शन के लिए आते हैं. मंगलवार और शनिवार को यहां भारी भीड़ होती है. भक्त यहां आते हैं और मीठा, नारियल, सिंदूर तो कोई तेल चढ़ाता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान को सच्चे मन से बस याद किया जाए. वो मनोकामना पूर्ण करते हैं. लोगों का कहना है कि एक साल के अंदर ही लोगों की मन्नत पूरी हो जाती है.
24 घंटे पाठ होता रहता है
यहां पिछले 20 वर्षों से 24 घंटे रामचरित मानस का पाठ चलता रहता है. अखंड ज्योत भी 20 वर्ष से जल रही है. यह पूरे देश का एक एैसा मंदिर है. जहां प्रत्येक दिवस 24 घंटे पाठ होता रहता है. इस मंदिर के भीतरी हिस्से की मीनाकारी देखकर हर कोई दंग रह जाता है. यहां रामायण का हर प्रसंग व दृश्य दीवारों पर चित्रित हैं. लमगांव में बाबा त्रिवेणी नाम के एक शख्स को सपने में हनुमान जी ने दर्शन दिए. सपने में हनुमान जी ने उनसे कहा कि वह एक पेड़ में फसें हुए हैं. उन्हें वह आकर बाहर निकाले. बाबा त्रिवेणी ने इस सपने को सच नहीं माना लेकिन जब सपना कई बार आया तो उन्होंने उस पेड़ को काटा जिसमें से हनुमान जी की प्रतिमा प्रकट हुई.