ग्वालियर: चंबल संभाग में इस समय रबी फसलों की बुवाई का समय चल रहा है. ऐसे में चंद्रमा का खेती पर प्रभाव विशेष महत्व रखता है. इस क्षेत्र में किसान फसल बुवाई से पहले ज्योतिषीय सलाह लेना महत्वपूर्ण मानते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्रमा की कलाएं खेती पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव डाल सकती हैं. जैसे-जैसे चंद्रमा की कलाएं बढ़ती या घटती हैं, यह फसल की वृद्धि और गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं.
चंद्रमा का खेती से सीधा संबंध
भारत की प्राचीन ज्योतिष परंपराओं में यह विश्वास रहा है कि चंद्रमा का कृषि और मानव मन पर सीधा प्रभाव पड़ता है. चंद्र कलाएं, यानी कि चंद्रमा का आकार और उसका बढ़ना-घटना, पेड़-पौधों की वृद्धि और फसल की उत्पादकता में बदलाव लाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्रमा के आकार में वृद्धि होने पर पेड़-पौधों की वृद्धि भी तेज होती है. यह विशेष रूप से उस समय पर होता है जब चंद्रमा पूर्णिमा की ओर बढ़ रहा होता है, इस समय फसल की अंकुरण और वृद्धि तेजी से होती है. जैसे-जैसे चंद्रमा अमावस्या की ओर बढ़ता है, पौधे का विकास धीमा हो जाता है, लेकिन बीज पकने लगते हैं.
चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव
ज्योतिष विशेषज्ञ नरेंद्र शर्मा के अनुसार, चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण भी खेती में सहायक सिद्ध होता है. इसका सीधा प्रभाव मिट्टी में नमी की मात्रा पर पड़ता है, जिससे अंकुरित बीज तेजी से बढ़ पाते हैं. मिट्टी में नमी का संतुलन फसल की जड़ों को मजबूत बनाता है और बीजों की वृद्धि को उत्तेजित करता है. विशेषज्ञों का कहना है कि चंद्रमा की कलाओं के अनुसार खेती करने से पौधे स्वस्थ रहते हैं, और कीट-पतंगे एवं अन्य रोगों की समस्याएं भी कम हो जाती हैं.
चंद्र कलाओं से बागवानी के लाभ
चंद्रमा के चरणों के अनुसार बागवानी करने से पौधे अधिक शक्तिशाली होते हैं. यह देखा गया है कि इस प्रकार की बागवानी से किसानों को फसल काटने का सही समय जानने में भी मदद मिलती है. पुराने जमाने में जब घड़ी या आधुनिक समय की जानकारी उपलब्ध नहीं थी, तब किसान चंद्र कलाओं के आधार पर ही खेती के पकने का समय जान पाते थे.
चंद्रमा की कलाओं से फसल की गुणवत्ता में सुधार
चंद्रमा की कलाओं के अनुसार खेती करने से न सिर्फ फसल का उत्पादन बढ़ता है, बल्कि गुणवत्ता भी बेहतर होती है. किसान अब भी चंद्र कलाओं के आधार पर यह जान पाते हैं कि बीज बोने का, खाद देने का और फसल काटने का सर्वोत्तम समय कब होता है. इसके अलावा, चंद्रमा के हिसाब से फसल की जड़ों में वृद्धि होती है, जिससे पौधे अधिक स्वस्थ और मजबूत बनते हैं.
कृषि में चंद्र कलाओं का महत्व
किसानों के लिए चंद्रमा का प्रभाव महत्वपूर्ण साबित होता है. चंद्र कलाओं के अनुसार बुवाई और कटाई से कृषि उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार हो सकता है. किसानों के लिए इस ज्योतिषीय परंपरा का पालन करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है, जिससे उन्हें फसल की वृद्धि और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है.
FIRST PUBLISHED : October 25, 2024, 11:42 IST







