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Ayodhya Ram Mandir: श्रीराम संस्कृत शोध संस्थान न्यास की ओर से अब श्रीराम वनगमन मार्ग पर श्रीराम स्तंभ स्थापित किए जाएंगे. श्रीराम स्तंभ पर चार भाषाओं में जानकारी लिखी जाएगी. जहां-जहां ये स्तंभ स्थापित किए जाएं…और पढ़ें

श्री राम स्तंभ
हाइलाइट्स
- श्रीराम वनगमन मार्ग पर लगेंगे 292 राम स्तंभ
- स्तंभ पर चार भाषाओं में जानकारी होगी
- युवा पीढ़ी को श्रीराम के जीवन दर्शन से परिचित कराना उद्देश्य
अयोध्या: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के पावन चरणों की स्मृति को नई पीढ़ी जान सके, इसके लिए एक दिव्य संस्कृति यात्रा शुरू की जा रही है. श्रीराम संस्कृत शोध संस्थान न्यास की ओर से अब श्रीराम वनगमन मार्ग पर श्रीराम स्तंभ स्थापित किए जाएंगे. यह स्तंभ लगभग 15 फीट ऊंचे होंगे और इन्हें अयोध्या से लेकर नेपाल और श्रीलंका तक, करीब 5000 किलोमीटर की दूरी में लगाए जाने की योजना है. यह स्तंभ प्रभु श्रीराम के 292 महत्वपूर्ण स्थलों पर लगाए जाएंगे, जो उनके वनगमन मार्ग से जुड़े हैं. प्रभु श्री राम के वन गमन पथ पर कई वर्षों से शोध करने वाले डॉक्टर राम अवतार इस कार्य को संपन्न करने में लगे हुए हैं. वहीं, श्री राम स्तंभ को स्थापित करने में अशोक सिंघल फाउंडेशन की भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
आपको बता दें कि श्रीराम स्तंभ पर चार भाषाओं में जानकारी लिखी जाएगी. जहां-जहां ये स्तंभ स्थापित किए जाएंगे, वहां उस स्थल से जुड़ी विस्तृत जानकारी भी स्तंभ पर अंकित होगी. इसमें हर स्थान का ऐतिहासिक संदर्भ, प्रभु श्रीराम से उसका संबंध, उस स्थान की विशेषता, और प्रसंग से जुड़ी तस्वीरें भी शामिल होंगी. इस कार्य का उद्देश्य यह है, कि युवा पीढ़ी भगवान श्रीराम के जीवन दर्शन को बेहतर तरीके से समझ सके . वहीं, यह केवल स्मृति स्थलों को चिह्नित करने का प्रयास नहीं है, बल्कि रामराज्य की स्थापना की तरफ संस्कृत पुनर्स्थापना का अभियान है.
डॉ रामअवतार ने दी जानकारी
इस बारे में प्रभु राम के वन गमन पथ पर शोध करने वाले डॉ रामअवतार ने बताया कि अशोक सिंगल फाउंडेशन ने एक निर्णय किया है, कि जहां-जहां प्रभु राम के चिन्ह मिलते हैं, ऐसे 292 जगह चिन्हित की गई हैं. उन सभी स्थानों पर स्तंभ लगाया जाएगा और स्तंभ चार भाषाओं हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत और स्थानीय में होगा. डॉ रामअवतार ने बताया, कि अभी कई तरह की बाधा आ रही हैं, लेकिन उसमें हम सफल होंगे. अशोक सिंगल फाउंडेशन और श्री राम संस्कृत शोध संस्थान इसके लिए प्रयासरत है. हमें आशा है, कि आने वाले 2 महीने में श्री रामस्तंभ लगना शुरू हो जाएंगे.
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