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जानिए 200 साल पुराने बालाजी मंदिर की अनोखी मान्यता, नारियल नहीं फोड़ते, भक्त केवल चढ़ाते हैं ये व्यंजन


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Jaipur Old Balaji Temple: जयपुर के बागावास गांव में 200 साल पुराना बालाजी मंदिर स्थित है, जो भगवान हनुमान की चमत्कारी मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है. इस मंदिर में नारियल तोड़कर नहीं, बल्कि लाल कपड़े में बांधकर भेंट दी जाती है और हनुमान जी को केवल चूरमे का भोग लगता है. वैशाख माह में यहां भजन कीर्तन और मेला लगता है. भक्तों का मानना है कि इस महीने में नारियल भेंट करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है. मंदिर की मूर्ति आज भी 200 साल पहले जैसी सुरक्षित है और बिजली गिरने के बावजूद मूर्ति सुरक्षित रही.

जयपुर. राजधानी जयपुर के बागावास गांव में भगवान हनुमान का एक ऐसा चमत्कारी मंदिर मौजूद है, जहां आस-पास ही नहीं बल्कि अन्य जिलों से भी भक्त आते हैं. यह मंदिर करीब 200 साल पुराना है. खास बात ये है कि यह अपनी अनोखी मान्यता को लेकर प्रसिद्ध है. इस मंदिर में नारियल को तोड़कर भोग नहीं लगाया जाता है बल्कि लाल कपड़े में बांधकर पुजारी को भेंट किया जाता है. इस मंदिर में हनुमान जी को केवल चूरमे का ही भोग लगता है. बागावास गांव में वैशाख के महीने बहुत बड़े मेले का भी आयोजन होता है, जिसमें भजन कीर्तन होते हैं.

इस दौरान राजस्थान के प्रसिद्ध भजन गायक इस कीर्तन में शामिल होते हैं. भक्तों की मान्यता के अनुसार, वैशाख माह में इस मंदिर में आकर नारियल भेंट करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है. यही कारण है कि इस महीने में यहां पर भक्तों की भारी भीड़ रहती है. मंदिर पुजारी ने बताया कि बागावास में स्थित बालाजी मंदिर में 200 साल पुरानी भगवान हनुमान की मूर्ति स्थापित है. यह मूर्ति आज भी वैसे ही है जैसे 200 साल पहले थी. मूर्ति का स्वरूप बिल्कुल भी नहीं बदला है.

मूर्ति पर गिरी थी बिजली

बागावास गांव निवासी स्थानीय भक्त राजेंद्र कुमार ने बताया कि कुछ साल पहले जब तेज बारिश के दौरान मंदिर के ऊपर बिजली गिर गई थी. इस दौरान मंदिर के संपूर्ण भाग में दरारें आ गई थी. लेकिन, मूर्ति को कुछ नहीं हुआ. भक्तों के अनुसार वह बिजली बालाजी के अंदर समा गई थी. इसके बाद इस मंदिर को मान्यता और भी अधिक बढ़ गई. मंदिर में विशाल बरामदा सहित गर्भ गृह में बहुत सुंदर बालाजी की मूर्ति है. मुख्य पुजारी द्वारा सुबह 6:30 बजे आरती के साथ ही भक्तों का आना शुरू हो जाता है. बागावास बालाजी मंदिर परिसर में शिव परिवार भी स्थापित है.

बागावास भक्त राजेंद्र कुमार ने बताया कि बालाजी मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है. इस मंदिर में हनुमान जी के दर्शन के लिए भीलवाड़ा, अजमेर, जयपुर, नागौर जिले सही अन्य राज्य से भी भक्त आते हैं और मन्नत मांगते हैं. इसके अलावा यहां पर वैशाख माह की पूर्णिमा पर भक्त सबसे ज्यादा आते हैं.

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deep ranjan

दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से Bharat.one हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट…और पढ़ें

दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से Bharat.one हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट… और पढ़ें

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200 साल पुराने बालाजी मंदिर की अद्भुत कहानी, भक्त केवल चढ़ाते हैं राजस्थानी भोग

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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