Last Updated:
Sundarkand Path: कलयुग में हनुमान जी को जागृत देवता माना जाता है. माना जाता है कि रोजाना सुंदरकांड का पाठ करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं. ऐसे में सुंदरकांड की कुछ चौपाई का खास महत्व है. आइए जानते हैं.
दरअसल रामचरितमानस के सुंदरकांड में कई ऐसे दोहे बताए गए हैं, जिसका अनुसरण करने से सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं. ऐसा ही एक दोहा ‘पुर रखवारे देखि बहु कपि मन कीन्ह बिचार, अति लघु रूप धरौं निसि नगर करौं पइसार’… जिसमें हनुमान जी महाराज के विचारों का वर्णन किया गया है इसके बारे में शशिकांत दास विस्तार से बताते हैं.
अति लघु रूप धरौं निसि नगर करौं पइसार… उन्होंने सोचा कि अगर हम अपना आकार छोटा कर ले तो रात के समय लंका में प्रवेश कर सकते हैं .
शशिकांत दास बताते हैं कि सुंदरकांड के इस दोहे में हनुमान जी महाराज की बुद्धिमत्ता और उनकी योजना का वर्णन किया गया है. जिसमें वह लंका में प्रवेश करने के लिए अपने आकार को छोटा करने का विचार कर रहे हैं. हनुमान जी महाराज के इस दोहे का जप करने से हनुमान जी की शक्ति के साथ प्रभु राम का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन के सभी संकट दूर होते हैं.