1. दान-पुण्य और भलाई का काम
आपने अगर किसी की मदद की है, किसी भूखे को खाना खिलाया है, मंदिर में दान दिया है या किसी गरीब की फीस भर दी है – तो इसे प्रचार का ज़रिया मत बनाइए. जो मदद गिनवाई जाए, वो एहसान बन जाती है. सच्चा दान वही है, जो बिना दिखावे के किया जाए. कहा भी गया है कि एक हाथ से दान करो तो दूसरे हाथ को भी खबर न हो. लोगों को बताने से न तो आपका पुण्य बढ़ेगा और न ही इज्जत. उल्टा लोग सोचते हैं कि आप घमंड कर रहे हैं या दिखावा कर रहे हैं.
आजकल सोशल मीडिया हो या दोस्तों की महफिल, लोग अपनी कमाई की डींगे हांकते हैं- “अब तो लाखों कमा रहा हूं”, “मेरी सैलरी इतनी हो गई” वगैरह वगैरह, लेकिन ये आदत आपको नुकसान भी पहुंचा सकती है. कुछ लोग जलने लगते हैं, कुछ नज़रें लगाने लगते हैं और कुछ फायदा उठाने की सोचने लगते हैं. यहां तक कि अपने परिवार में भी इनकम की जानकारी बहुत सोच-समझकर बांटना चाहिए. हर किसी को ये बताने की ज़रूरत नहीं है कि आपकी जेब में क्या चल रहा है.

3. अपनी कमजोरी या डर
हर इंसान के अंदर कुछ न कुछ डर या कमजोरियां होती हैं – किसी को रिजेक्शन का डर होता है, किसी को अकेलेपन का, किसी को आर्थिक तंगी का या फिर खुद पर भरोसा न होने का, लेकिन इन बातों को किसी के साथ शेयर करते वक्त दस बार सोचें. दुनिया बहुत चालाक है, लोग आपकी इन्हीं कमजोरियों का फायदा उठाकर आपको दबाने की कोशिश करेंगे. कुछ लोग ताने देंगे, कुछ लोग मजाक उड़ाएंगे. इसलिए अपनी कमजोरी को खुद तक सीमित रखें और उससे लड़ना सीखें, न कि उसे सबको बताना.
कई लोग अपने नए पार्टनर या दोस्तों के सामने अपने बीते हुए रिश्तों की कहानी सुनाने लगते हैं – “पहले वो मेरी लाइफ में था/थी…”, “हम दोनों बहुत करीब थे…”, “वो मुझे छोड़ गया…” वगैरह. इससे न सिर्फ सामने वाले का भरोसा डगमगाता है, बल्कि कभी झगड़े की हालत में वही बातें तानों और इल्ज़ामों में बदल जाती हैं. अपने भूतकाल को जितना छुपाकर रखेंगे, उतना ही आपका वर्तमान शांत रहेगा. पुराने रिश्ते की बातें हमेशा सीक्रेट रखें.