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Tulsi Jal Niyam: हिन्दू धर्म में तुलसी का पौधा बेहद पवित्र और पूजनीय माना जाता है. तुलसी के बिना घर का आंगन अधूरा सा लगता है. वैसे तो तुलसी के अनगिनत लाभ हैं, लेकिन धार्मिक शास्त्रों में तुलसी को मंगलकारी माना गया है. भगवान विष्णु को तुलसी अतिप्रिय है.

तुलसी की पूजा करें तो इससे जुड़ें नियमों की जानकारी भी होना जरूरी है. खासतौर पर जल चढ़ाने को लेकर. शास्त्रों के मुताबिक, तुलसी पर जल चढ़ाने को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं. इसलिए जल चढ़ाते समय कुछ काम करने से बचना चाहिए. इन नियमों के बारे में Bharat.one को बता रहे हैं उन्नाव के ज्योतिषाचार्य ऋषिकांत मिश्र शास्त्री. (Image- AI)

ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, एकादशी के दिन तुलसी के पौधे में जल नहीं दिया जाना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि एकादशी वाले दिन तुलसी में जल देने से माता लक्ष्मी रुष्ठ होती हैं. इससे व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की आर्थिक परेशानियां आ सकती हैं. इसके अलावा यह भी मान्यता है कि इस दिन तुलसी माता भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं, इसलिए एकादशी के दिन तुलसी में जल देने से बचना चाहिए. (Image- AI)

तुलसी के पौधे में अधिक मात्रा में जल नहीं चढ़ाया जाना चाहिए. ऐसा करने से तुलसी के पौधे की जड़ें सड़ जाती हैं. जिससे तुलसी का पौधा सूख सकता है और ऐसा माना जाता है कि घर में लगा तुलसी का पौधा सूख जाना अच्छा नहीं होता. (Image- AI)
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पुराणों में बताए विवरण के अनुसार तुलसी के पौधे में जल देते समय हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपने बिना सिलाई का एक वस्त्र पहना हुआ है. सिले हुए कपड़े पहनकर तुलसी में जल देने से लाभ प्राप्त नहीं होता. (Image- AI)

सूर्योदय में करें जल अर्पण: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी में जल देने का सबसे उपयुक्त समय सुबह सूर्योदय काल का है. ऐसा माना जाता है कि सूर्योदय के समय तुलसी में जल देने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है और आर्थिक संकटों से छुटकारा मिलता है. (Image- AI)

दक्षिण दिशा में न रखें तुलसी: वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी के पौधे को कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए. ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ जाता है. इसके साथ ही इस दिशा में तुलसी रखने से बुरा प्रभाव भी पड़ता है. (Image- AI)







