पूर्वी गोदावरी: दुनिया भर में हर हिंदू का सपना होता है कि वह कम से कम एक बार काशी यात्रा पर जाए. जैसा कि हमारे पूर्वजों ने कहा था, काशी जाना भगवान की अनुमति से ही संभव है. पहले केवल 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग ही काशी यात्रा करते थे, लेकिन अब यह परंपरा बदल चुकी है. आजकल लोग बिना उम्र की परवाह किए काशी तीर्थ के दर्शन करने के लिए जाते हैं. इसके अलावा, काशी के शासक, पुजारी, काशी महाराजा और काशी के लोग हर साल अपने आराध्य के दर्शन के लिए आंध्र प्रदेश के एक विशेष मंदिर में जाते हैं. यह मंदिर कहीं और नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश के कुंडलेश्वरम में स्थित है.
कुंडलेश्वरम मंदिर की प्रसिद्धि
अंबेडकर कोनसीमा जिले के मुम्मीदीवरम निर्वाचन क्षेत्र में स्थित कुंडलेश्वरम एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण मंदिर है. कई भक्त काशी जाने से पहले भगवान कुंडलेश्वर के दर्शन करने आते हैं. आध्यात्मिक गुरु चागंती कोटेश्वर राव ने भी इस मंदिर का उल्लेख किया और इसे “कुंडलेश्वर को देखना काशी को देखने के बराबर है” के रूप में वर्णित किया. चागंती कोटेश्वर राव की भविष्यवाणियों के बाद से इस मंदिर में भक्तों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है.
कुंडलेश्वरम मंदिर का आध्यात्मिक महत्व
कुंडलेश्वरम मंदिर, जो पहले अन्य क्षेत्रों के लोगों के लिए अज्ञात था, अब कोनसीमा क्षेत्र में एक प्रमुख धार्मिक स्थल बन चुका है. यह मंदिर गोदावरी नदी के तट पर स्थित है और यहाँ आने वाले भक्तों के लिए गोदावरी नदी में स्नान करना और मंदिर में दर्शन करना आध्यात्मिक पूजा का हिस्सा बन चुका है.
श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और विशेष व्यवस्थाएँ
वर्तमान समय में, खासकर कार्तिक माह में श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है. सुबह से लेकर शाम तक, कुंडलेश्वर मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी रहती है. मंदिर के अधिकारियों ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्थाएँ की हैं, जिसमें सुबह 11 बजे से अन्नप्रसाद का वितरण शुरू किया जाता है. पुजारियों का मानना है कि मंदिर में प्रवेश करने से भक्तों के पाप और कष्ट कम हो जाते हैं.
कैसे पहुँचें कुंडलेश्वरम
कुंडलेश्वरम पहुंचने के लिए, काकीनाडा से यानम होते हुए मुम्मीदीवरम रोड पर यात्रा की जाती है, जहां बीच रास्ते में कुंडलेश्वर मंदिर दिखाई देता है. इसके अलावा, यदि आप राजमुंदरी से आ रहे हैं, तो आप रावुलापलेम के माध्यम से भी इस क्षेत्र तक पहुँच सकते हैं.
FIRST PUBLISHED : November 12, 2024, 17:32 IST
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