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दशहरे पर उत्तर प्रदेश में दाल पराठा, गुजरात में जलेबी फाफड़ा, बंगाल में रसगुल्ला, महाराष्ट्र में पूरणपोली, ओडिशा में दही चावल जैसे पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते हैं. आइए जानते हैं कि देश के अलग-अलग हिस्सों में दशहरे पर कौन-कौन से व्यंजन बनाए जाते हैं और उनका क्या महत्व है.
धर्म, दशहरे के दिन भारत के विभिन्न राज्यों में कुछ खास पारंपरिक रेसिपीज़ बनाई जाती हैं जो न सिर्फ स्वादिष्ट होती हैं, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं. आइए जानते हैं कि देश के अलग-अलग हिस्सों में दशहरे पर कौन-कौन से व्यंजन बनाए जाते हैं और उनका क्या महत्व है.
दशहरे पर बनने वाली पारंपरिक रेसिपीज़
उत्तर प्रदेश
- दाल पराठा और खीर: चना दाल और मसालों से बना पराठा, और दूध-चावल से बनी खीर. माना जाता है कि इन्हें खाने से घर में सौभाग्य, सेहत और खुशहाली आती है.
- पान: भगवान हनुमान को पान चढ़ाने की परंपरा है. इसे प्रेम और सम्मान का प्रतीक माना जाता है.
गुजरात
- जलेबी और फाफड़ा: बेसन से बने फाफड़े और मीठी जलेबी दशहरे की पहचान हैं. मान्यता है कि भगवान राम को जलेबी (शशकुली) बहुत पसंद थी.
कर्नाटक
- मीठा डोसा: चावल और गेहूं के आटे में गुड़ और नारियल मिलाकर बनाया जाता है. यह प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है और हेल्दी भी होता है.
बंगाल
- रसगुल्ला: छेना और चीनी की चाशनी से बने नरम रसगुल्ले सौभाग्य का प्रतीक माने जाते हैं. दशहरे पर इन्हें प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है.
ओडिशा
- दही और भिगोया हुआ चावल: देवी दुर्गा को रावण दहन से पहले भोग के रूप में चढ़ाया जाता है. यह शुद्धता और शुभता का प्रतीक है.
महाराष्ट्र
- पूरणपोली और श्रीखंड: पूरणपोली (गुड़ और चना दाल से भरी रोटी) और श्रीखंड (मीठा दही) दशहरे पर विशेष रूप से बनाए जाते हैं.
अन्य लोकप्रिय मिठाइयां
- मोतीचूर के लड्डू: भगवान हनुमान को अर्पित किए जाते हैं. जीवन में मिठास और खुशियां लाने का प्रतीक.
- नारियल की बर्फी: आसान और स्वादिष्ट मिठाई जो दुर्गा पूजा और दशहरे पर बनाई जाती है.
- गुलाब जामुन: खोया से बने नरम गोलों को चाशनी में डुबोकर बनाया जाता है.
- मालपुआ: एक पारंपरिक मीठा पैनकेक जो दशहरे पर भी बनाया जाता है.
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