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दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा में लंबी बाती वाला दीपक जलाना सबसे शुभ माना जाता है, जिससे धन, सुख और समृद्धि आती है. गोल बाती देवी पूजा में वर्जित है.
Dharm, दिवाली के दिन भगवान राम लंका के राजा रावण को मारकर और वनवास के पूरे चौदह वर्ष पूरे करके अयोध्या लौटे थे. इसलिए प्रजा ने खुश होकर उस दिन दीये जलाये थे. तभी से ये परंपरा चलती आ रही है. लेकिन दिवाली पर दीपक में लंबी बाती लगाएं या गोल बाती, यह सवाल अक्सर पूजा करते समय मन में आता है. दोनों बातियों का अपना अलग धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व होता है, और इनका प्रयोग अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा में किया जाता है. आइए जानते हैं इनके बीच का अंतर और कौन-सी बाती दिवाली पर ज्यादा शुभ मानी जाती है.
वैसे तो कई लोग दिये में किसी भी टाइप की बत्ती लगा लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं, गोल यो लंबी बत्ती लगाने का अलग-अलग महत्व होता है.
गोल बाती (फूल बाती) का महत्व
शुभता:
- गोल बाती को स्थिरता, शांति और संतुलन का प्रतीक माना जाता है.
- यह दीपक शिव जी, विष्णु जी, ब्रह्मा जी, इंद्रदेव और तुलसी के पौधे के सामने जलाना शुभ होता है.
सावधानी:
- मां लक्ष्मी, दुर्गा, सरस्वती और अन्य देवी की पूजा में गोल बाती का प्रयोग वर्जित माना गया है.
- ऐसा करने से देवी रुष्ट हो सकती हैं और घर में दरिद्रता आ सकती है.
लंबी बाती का महत्व
शुभता:
- लंबी बाती को वृद्धि, ऐश्वर्य, धन-संपन्नता और कुल वृद्धि का प्रतीक माना जाता है.
- यह दीपक मां लक्ष्मी, दुर्गा, सरस्वती, काली माता, कुल देवता, और पितरों की पूजा में जलाना शुभ होता है.
दिवाली पर विशेष:
- चूंकि दिवाली मां लक्ष्मी की पूजा का पर्व है, इसलिए इस दिन लंबी बाती वाला दीपक जलाना सबसे शुभ माना जाता है.
- इससे धन की वृद्धि, सुख-समृद्धि, और घर में लक्ष्मी का वास होता है.
दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा में हमेशा लंबी बाती का दीपक जलाना चाहिए. यह न केवल धार्मिक रूप से शुभ है, बल्कि यह आपके घर में धन, वैभव और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है.