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Khadmaas 2025: पूर्णिया के पंडित मनोतपल झा ने बताया कि मिथिला पंचांग के अनुसार खडमास साल में दो बार लगता हैं.वही इस बार आगामी 16 दिसंबर से लेकर 13 जनवरी 2026 तक रहेगा.जबकि इस दौरान सभी शुभ कार्य बंद रहेगा शादी विवाह मुंडन गृह प्रवेश सहित अन्य शुभ कार्य बंद रहेंगे.
पूर्णिया के पंडित मनोतपल झा ने बताया कि मिथिला पंचांग के अनुसार खडमास साल में दो बार लगता हैं.वही इस बार आगामी 16 दिसंबर से लेकर 13 जनवरी 2026 तक रहेगा.जबकि इस दौरान सभी शुभ कार्य बंद रहेगा शादी विवाह मुंडन गृह प्रवेश सहित अन्य शुभ कार्य बंद रहेंगे.सनातन धर्म में खडमास यानी मलेमास का बहुत महत्व है.वही यह पौष मास कृष्ण द्वादशी से शुरू होने वाला यह खडमास सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करते ही प्रभावी हो जाता है.खरमास के दौरान भगवान नारायण की आराधना और भगवान सूर्य देव की आराधना व दान पुण्य और सेवा का विशेष फल मिलता है.वही इस साल खडमास 16 दिसंबर से शुरू होकर आगामी 13 जनवरी 2026 को समाप्त हो जाएगा.वही खरमास लगने पर विवाह, गृह प्रवेश, वाहन खरीद, संपत्ति क्रय विक्रय, उपनयन, मुंडन सहित सभी मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाता है.
सनातन धर्म के मुताबिक सभी कार्य करने के लिए शुभ तारीख व दिन का होना बहुत जरूरी है. जिसका परिणाम बेहतर मिलता है लेकिन ऐसे में अगले एक महीने सभी शुभ कार्यो पर विराम लग जायेगा.वही जानकारी देते हुए पूर्णिया के पंडित मनोतपल झा बताते हैं कि खडमास यानी मलमास साल में दो बार लगता है.वही उन्होंने कहा की खरमास सूर्य के कारण होता है.जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो खरमास का प्रारंभ होता है और जब सूर्य अपने मकर राशि पर आते है तो खडमास समाप्त होता है.हालांकि उन्होंने कहा कि खरमास साल में दो बार आता है पहला दिसंबर और जनवरी के महीने में और दूसरा मार्च और अप्रैल के महीने में लगता है.
इस तारीख से शुरू होगा सभी होगा शुभ कार्य
वही उन्होंने कहा की मलमास यानी खरमास में सभी शुभ कार्य जिसमें विवाह, मुंडन, जनेऊ, उपनयन संस्कार, गृहवास, गृह निर्माण एवं गृह प्रवेश आदि सभी मांगलिक कार्य बंद हो जाएगा.जबकि उन्होंने कहा 14 जनवरी 2026 के बाद सभी मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जायेगा.जिसमें 29 जनवरी से गृहआरंभ का कार्य और 28 जनवरी से गृह प्रवेश और 29 जनवरी से शुभ विवाह उपनयन संस्कार आदि सभी शुभ कार्य प्रारंभ हो जायेगा.
खरमास के दौरान किस देवी देवताओं का विशेष पूजा करने लाभ
जबकि उन्होंने कहा कि खरमास के दौरान लोग सभी शुभ कार्य करना बंद कर देते हैं. लेकिन पूजा पाठ नियमित तौर से चलता रहता है.उन्होंने कहा खडमास के दौरान भी सभी देवी देवता का पूजन करना चाहिए.जिसमें खास कर सूर्य देव और विष्णु भगवान का विशेष रूप से पूजा और आराधना करना चाहिए.वही खडमास के दौरान लोगो को नियमित रूप से तांबे के लोटा में एक लोटा जल लाल फूल और लाल चंदन और अक्षत डालकर भगवान सूर्य देव को ओम घृणि सूर्याय नमः मंत्र के साथ रोजाना सूर्योदय होते ही सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए.इससे लोगों की जीवन में कभी कोई संकट और मुसीबत नहीं आती और लोग हमेशा सुख शांति समृद्धि से भरा रहता है.






