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Saphala Ekadashi 2025: सफला एकादशी का व्रत हर साल पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. इसे पौष कृष्ण एकादशी भी कहते हैं. इस बार तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुईं है. जानें सही तिथि, पूजा विधि और महत्व.
Saphala Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में वर्षभर आने वाली 24 एकादशी का अपना अलग ही आध्यात्मिक महत्व माना गया है. हर महीने दो बार पड़ने वाली ये तिथियां भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की उपासना के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती हैं. मान्यता है कि एकादशी के दिन विधि-विधान से पूजा और व्रत करने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
कब रखा जाएगा सफला एकादशी का व्रत?
वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष माह की पहली एकादशी 15 दिसंबर को पड़ेगी. ये कृष्ण पक्ष की एकादशी होगी. इस एकादशी की शुरुआत 14 दिसंबर को रात 08 बजकर 46 मिनट पर होगी. वहीं, इस एकादशी तिथि का समापन 15 दिसंबर को रात 10 बजकर 09 मिनट पर हो जाएगा. ऐसे में इस एकादशी का व्रत 15 दिसंबर को रखा जाएगा. ये सफला एकादशी रहेगी.
शुभ संयोग में मनाई जाएगी सफला एकादशी
सफला एकादशी पर शोभन योग और चित्रा नक्षत्र जैसे शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है, जो इस दिन को खास बनाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने, फल-फूल अर्पित करने और ‘ॐ नमो नारायणाय’ मंत्र का जाप करने से करियर, धन और वैवाहिक जीवन में सफलता मिलती है और सभी बाधाएं दूर होती हैं.
सफला एकादशी व्रत के लाभ
मान्यता है कि साल की इस एकादशी का व्रत करने से व्रती को हर काम में सफलता प्राप्त होती है. सफला एकादशी के दिन विधि-विधान से पूजा और व्रत करने से जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति हो सकती है. साथ ही, इससे जातक को मोक्ष मिल सकता है. धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के अनुसार, सभी व्रतों में एकादशी के व्रत को सबसे उत्तम और पुण्यकारी माना गया है. कहा जाता है कि पांच हजार वर्ष तक तप करने के समान फल सफला एकादशी का व्रत करने से प्राप्त होता है. साथ ही, व्रती को भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है.
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विभांशु द्विवेदी मूल रूप से मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के रहने वाले हैं. पत्रकारिता में 5 साल का अनुभव है. इन्होंने कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय रायपुर से पत्रकारिता एवं जनसंचार की पढ़ाई की है. पॉलिटिक…और पढ़ें
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