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देवउठनी एकादशी के दिन करें गन्ने के ये उपाय, खत्म हो जाएगा धन का संकट, ऋषिकेश के ज्योतिषी से जानें सब


ऋषिकेश : देवउठनी एकादशी हिंदू धर्म में विशेष महत्त्व रखती है और इसे सभी एकादशियों में सबसे उत्तम माना जाता है.हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी मनाई जाती है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागृत होते हैं. इससे पूर्व आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी तिथि से भगवान विष्णु क्षीर सागर में 4 महीने के लिए विश्राम करने चले जाते हैं. देवउठनी एकादशी के अगले दिन से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है, जैसे विवाह, गृह प्रवेश, और अन्य मांगलिक कार्य. देवउठनी एकादशी के दिन विष्णु जी की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है. गौरतलब है कि शास्त्रों में चातुर्मास के दौरान शुभ कार्य पर प्रतिबंध होता है. अतः इन चार महीनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है.

Bharat.one के साथ बातचीत के दौरान उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित श्री सच्चा अखिलेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी शुभम तिवारी ने बताया कि हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी के बाद से सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत मानी जाती है. देवउठनी एकादशी के अगले दिन तिथि तुलसी विवाह किया जाता है. यदि आप अपनी समस्याओं से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो इसके लिए आप देवउठनी एकादशी के दिन ये उपाय आजमा सकते हैं.
⦁ सबसे पहले, इस दिन मां तुलसी की पूजा अवश्य करनी चाहिए क्योंकि भगवान विष्णु और मां तुलसी का विशेष संबंध है.
⦁ पूजा के दौरान तुलसी के पौधे में कच्चे दूध में गन्ने के रस को मिलाकर अर्पित करना चाहिए. ऐसा करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी दोनों की कृपा प्राप्त होती है.
⦁ इसके अलावा, तुलसी के पौधे के सामने पांच देसी घी के दीपक जलाकर आरती करनी चाहिए. इससे न केवल धन में वृद्धि के योग बनते हैं बल्कि जीवन की सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं.
⦁ देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति के लिए पानी में एक चुटकी हल्दी डालें और उससे स्नान करें. साथ ही इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनें, ऐसा करने से आपके ऊपर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है.
⦁ एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पहले शंख में गाय के दूध और गंगाजल से स्नान कराएं. ऐसा करने से जातक की आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं.

गन्ने से जुड़े उपायों का महत्व
पुजारी शुभम तिवारी ने बताया कि गन्ने से जुड़े उपायों का देवउठनी एकादशी के दिन विशेष महत्व है. गन्ने का रस लक्ष्मीजी के समृद्धि और सुख-शांति के प्रतीक के रूप में देखा जाता है इसलिए इसे पूजा में शामिल करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है. इस दिन गन्ने के रस के साथ अन्य सामग्रियों का उपयोग कर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है. देवउठनी एकादशी के इस पवित्र दिन पर उपरोक्त उपायों को करने से जीवन में आर्थिक समृद्धि और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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