हरिद्वार. वैदिक पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को दीपावली मनाई जाती. दीपावली से 2 दिन पहले कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मां लक्ष्मी, कुबेर और यम के त्योहार के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन घर के बाहर दीपक जलाकर रखते हैं और दीपदान का भी विशेष महत्व बताया गया है. इससे यम प्रसन्न होते हैं और अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है. कार्तिक कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी को यमराज की प्रसन्नता के लिए दीपदान करने का खास महत्व हिंदू धार्मिक ग्रंथो में बताया गया है.
हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस या धन त्रयोदशी के रूप में मनाने का विधान है. इस दिन माता लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर महाराज, धनवंतरी देव की पूजा के साथ यम देवता की पूजा करने का विशेष महत्व होता हैं. जहां माता लक्ष्मी और कुबेर महाराज की पूजा करने से धन के भंडार भर जाते हैं वहीं धनवंतरी देव की पूजा करने से आरोग्यता मिलती है, साथ ही यम देवता के निमित्त दीपदान करने से अकाल मृत्यु का नाश हो जाता है. त्रयोदशी के दिन दक्षिण दिशा में पहला दीपक यम देवता की प्रसन्नता के लिए जलाया जाता है जिससे अकाल मृत्यु का भय हमेशा के लिए खत्म हो जाता है.
धनतेरस पर करें ये उपाय
ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि धनतेरस को लेकर बहुत असमंजस की स्थिति बनी हुई है, कुछ लोगों का कहना है कि धनतेरस का 29 अक्टूबर को है तो वहीं कुछ लोग 30 अक्टूबर को यह पर्व मनाएंगे. वैदिक पंचांग के अनुसार त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10:32 से प्रारंभ हो जाएगी और 30 अक्टूबर की दोपहर 1:15 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि के अनुसार, धनतेरस का पर्व दिन मंगलवार 30 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा. यमराज की प्रसन्नता के लिए दीपदान सूर्यास्त के बाद करने का विधान होता है इसलिए यमराज की प्रसन्नता के लिए दक्षिण दिशा में सरसों के तेल का दीपक 30 अक्टूबर की रात को करने पर विशेष लाभ की प्राप्ति होगी.
Note: त्रयोदशी के दिन यमराज की प्रसन्नता के लिए दक्षिण दिशा में दीपक जलाने के महत्व की अधिक जानकारी के लिए आप हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री से उनके फोन नंबर 9557125411 और 9997509443 पर संपर्क कर सकते हैं.
FIRST PUBLISHED : October 22, 2024, 12:48 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.







