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Navratri 1st Day: उज्जैन में एक बेहद प्राचीन और प्रसिद्ध देवी का मंदिर है. यहां हजारों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. नवरात्र में तो यहां पांव रखने की जगह नहीं होती. इस मंदिर को तंत्र क्रिया के लिए भी विशेष माना जाता है.
जानकारों के अनुसार, जब माता सती के अंग विभिन्न स्थानों पर गिरे थे, तब उनकी दाहिनी कोहनी उज्जैन की शिप्रा नदी किनारे गिरी थी. तभी से भगवान शिव ने यहां शक्तिपीठ की स्थापना की और यह स्थान हरसिद्धि माता के नाम से प्रसिद्ध हुआ. मंदिर के समीप ही लगभग 200 मीटर की दूरी पर भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग महाकाल रूप में विराजमान है. यहां माता हरसिद्धि की प्रतिमा के बीच देवी महालक्ष्मी और महासरस्वती विराजित हैं. साथ ही यहां यंत्र भी प्रतिष्ठित है, जिसके कारण यह स्थान तांत्रिक परंपरा में सिद्धपीठ के रूप में मान्यता प्राप्त है.
हरसिद्धि मंदिर का संबंध राजा विक्रमादित्य से भी जुड़ा हुआ है. स्कंद पुराण में उल्लेख है कि देवी ने प्रचंड राक्षस नामक दैत्य का वध किया था, तभी से वह हरसिद्धि नाम से जानी गईं. लोक परंपरा के अनुसार माता हरसिद्धि विक्रमादित्य की कुलदेवी भी थीं. कहते हैं कि विक्रमादित्य ने यहां देवी को प्रसन्न किया और यहीं से उन्हें श्री यंत्र की सिद्धि प्राप्त हुई. इसी बल पर उन्होंने पूरे देश पर शासन किया और न्यायप्रिय राजा कहलाए.
51 फीट ऊंचा दीप स्तंभ
मंदिर परिसर में स्थापित 51 फीट ऊंचे दीप स्तंभ भी विशेष आकर्षण का केंद्र हैं. इनमें एक बार में 1100 दीप प्रज्वलित किए जाते हैं, जिसके लिए 60 लीटर तेल और करीब 4 किलो रुई की आवश्यकता होती है. भक्त अपनी मनोकामना पूरी होने पर दीपमाला प्रज्वलित कराते हैं. खास बात यह है कि दीप जलाने के लिए कई बार लंबी वेटिंग भी लग जाती है.
9 माता शयन नहीं करतीं…
नवरात्रि के नौ दिनों में हरसिद्धि मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. माता को अनार के दाने, शहद और अदरक का भोग लगाया जाता है. मान्यता है कि इन नौ दिनों में माता शयन नहीं करतीं, इसलिए इस अवधि में शयन आरती नहीं होती. नवरात्रि का पर्व यहां भक्तों के लिए आस्था और दिव्यता का अद्भुत संगम बन जाता है.
एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म…और पढ़ें
एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म… और पढ़ें