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Navratri rituals : नौ दिनों तक आदिशक्ति देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना और भक्ति की जाती है. आखिरी दिन कन्या पूजन करके व्रत का समापन किया जाता है. एक बालक के पूजन का जरूरी विधान भी है.

नवरात्रि में नौ कन्याओं के साथ एक बालक का महत्व
हाइलाइट्स
- नवरात्रि में नौ कन्याओं के साथ एक बालक का पूजन होता है.
- बालक को बजरंगबली का रूप माना गया है.
- बालक को न पूजा जाए तो व्रत का कोई फल नहीं मिलता.
हरिद्वार. संवत की शुरुआत होते ही नवरात्रि शुरू हो चुकी है. इस दौरान साधक देवी मां को प्रसन्न करने के लिए व्रत, पूजा, मंत्र जाप, स्तोत्र आदि का पाठ करते हैं. नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ रूपों को पूजा जाता है, जिससे देवी मां प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं. नवरात्रि में देवी पृथ्वी लोक पर वास करती हैं. हिंदू धर्म में नवरात्रि के व्रत पवित्रता और श्रद्धा भक्ति भाव से करने का विधान होता है. नौ दिन तक आदिशक्ति देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना और भक्ति की जाती है और आखिरी दिन कन्या पूजन करके व्रत का समापन किया जाता है. नवरात्रि के व्रत में नौ कन्याओं के साथ एक बालक का पूजन भी करने का विधान है.
मानव कल्याण के लिए व्रत
नवरात्रि में नौ कन्याओं के साथ एक बालक क्यों पूजा जाता है. इस बारे में Bharat.one ने ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री से बातचीत की. पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि नवरात्रि के व्रत का आगमन मानव कल्याण के लिए होता है. नवरात्रि के व्रत विधि विधान पवित्रता और श्रद्धा भक्ति भाव से करने पर सभी मनोकामनाएं देवी मां पूरे कर देती हैं. नौ दिन तक देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है और व्रत का समापन अष्टमी या नवमी के दिन करने पर नौ कन्याओं के साथ एक बालक भी पूजा जाता है.
श्रीधर शास्त्री के अनुसार, जैसे वैष्णो देवी के दर्शन करने के बाद भैरव बाबा के दर्शन करने पर यात्रा पूर्ण होती है, वैसे ही नवरात्रि के समापन के दिन नौ कन्याओं के पूजन के साथ एक बालक भी पूजा जाता है. नौ कन्याओं के साथ जो बालक पूजा जाता है, उसे लंगूर या लोंकड़ा कहते हैं. नौ कन्याओं के साथ जिस बालक का पूजन किया जाता है वो बजरंगबली का रूप माना गया है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, यदि लंगूर यानी बालक को ना पूजा जाए तो नवरात्रि के व्रत का कोई फल नहीं मिलता.
नोट : नवरात्रि में नौ कन्याओं के साथ एक बालक को क्यों बिठाया जाता है, इस बारे और अधिक जानकारी के लिए आप हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री से उनके फोन नंबर 9557125411 और 9997509443 पर संपर्क कर सकते हैं.