शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है और हमारे दिलों में उत्साह और उल्लास की लहरें उठने लगी हैं. अब यह समय है जब हम देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और उनकी ही कृपा से अपने जीवन में सकारात्मकता और शक्ति का संचार करते हैं. इन नौ दिनों में हम देवी के नौ रूपों की आराधना करेंगे और उनकी महिमा को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करेंगे. यह समय है जब हम अपने अंदर की शक्ति को जगाएंगे और अपने सपनों को पूरा करने के लिए माता से आर्शीवाद प्राप्त करेंगे.
आने वाले इन नौ दिनों में. हर एक दिन विशिष्ट देवी की आराधना की जाती है और उनके गुणों को अपने जीवन में उतारने का प्रयास किया जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार माता दुर्गा हिंदू धर्म में एक प्रमुख देवी हैं. जिन्हें शक्ति और साहस की प्रतीक के रूप में सारी दुनिया में पूजा जाता है. उन्हें आदि शक्ति या परम शक्ति के रूप में भी जाना जाता है. माता दुर्गा की उत्पत्ति की कहानी पौराणिक कथाओं में पूर्ण रूप से वर्णित है. उनकी उत्पत्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश की शक्तियों के संयोजन से हुई थी.

आदि शक्ति मां दुर्गा
देवी पुराण से –
“अम्बा त्वम्. जगदंबा त्वम्. भवानी त्वम्. भवानी त्वम्।
त्वमेव सर्वम्. त्वमेव सर्वम्. त्वमेव सर्वम्. शिवे।”
अर्थात् – हे मां अम्बा, हे जगदंबा, हे भवानी, आप ही सब कुछ हैं, आप ही सब कुछ हैं, आप ही सब कुछ हैं, हे शिवे!
नवरात्रि के नौ दिन विशेष रंग के कपड़े जरूर पहने
नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है. पौराणिक कथाओं में पूजा के हर दिन माता के सामने एक विशिष्ट रंग के कपड़े पहनने की परंपरा है. जो उस दिन की देवी के रूप को दर्शाता है. यहां पर दी गई सूची में आपको उस दिन किस रंग के वस्त्र पहनने है. वो बताया गया है. जो उस दिन की देवी के रूप से जुड़ा हुआ है.
पहला दिन – सफेद (मां शैलपुत्री)
माता शैलपुत्री नवरात्रि के पहले दिन की देवी हैं. ये हिमालय की पुत्री हैं और भगवान शिव की अर्धांगिनी हैं. मां शैलपुत्री के गुणों को ध्यान में रखते हुए उन्हें सफेद रंग पसंद है. इस दिन पूजा करने वाले लोगों को सफेद रंग के कपड़े पहनने चाहिए.
दूसरा दिन – नारंगी (मां ब्रह्मचारिणी)
माता ब्रह्मचारिणी नवरात्रि के दूसरे दिन की देवी हैं. ये तपस्या और साधना की देवी हैं. नारंगी रंग तपस्या और साधना का प्रतीक है. जो मां ब्रह्मचारिणी के गुणों को दर्शाता है. इस दिन पूजा करने वाले लोगों को नारंगी रंग के कपड़े पहनने चाहिए.
तीसरा दिन – पीला (मां चंद्रघंटा)
माता चंद्रघंटा नवरात्रि के तीसरे दिन की देवी हैं. ये शक्ति और वीरता की प्रतीक हैं. पीला रंग ज्ञान और बुद्धिमत्ता का प्रतीक होता है. जो मां चंद्रघंटा के गुणों को दर्शाता है. इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनने से भक्तों को ज्ञान और बुद्धिमत्ता की प्राप्त होती है.
चौथा दिन – हरा (मां कूष्मांडा)
माता कूष्मांडा नवरात्रि के चौथे दिन की देवी हैं. ये सृष्टि की उत्पत्ति की देवी हैं. हरा रंग प्रकृति और विकास का प्रतीक है. जो मां कूष्मांडा के गुणों को दर्शाता है. इस दिन पूजा करने वाले पूजारी को हरे रंग के कपड़े पहनने चाहिए. इसे भक्तों को प्रकृति और विकास की प्रेरणा मिलती है.
पांचवा दिन – नीला (मां स्कंदमाता)
माता स्कंदमाता नवरात्रि के पांचवें दिन की देवी हैं. ये भगवान स्कंद की माता हैं और शक्ति की प्रतीक हैं. नीला रंग शांति और सुकून का प्रतीक है. जो मां स्कंदमाता के गुणों को दर्शाता है. इस दिन नीले रंग के कपड़े पहनने से भक्तों को शांति और सुकून प्राप्त होता है.
छटवां दिन – सफेद (मां कात्यायनी)
मां कात्यायनी नवरात्रि के छठवें दिन की देवी हैं. ये भगवान कृष्ण की जन्मदात्री भी हैं और शक्ति की प्रतीक हैं. सफेद रंग पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है. जो मां कात्यायनी के गुणों को दर्शाता है. इस दिन पूजा करने लोगों पंडित और पुरोहितों को सफेद रंग के कपड़े पहनना चाहिए.
सतवां दिन- गुलाबी (मां कालरात्रि)
मा कालरात्रि नवरात्रि के सातवें दिन की देवी हैं. ये शक्ति और विनाश की प्रतीक हैं. लाल या गुलाबी रंग प्रेम और करुणा का प्रतीक होता है जो मां कालरात्रि के गुणों को दर्शाता है. इस दिन पूजा के दौरान लोगों को लाल या गुलाबी रंग के कपड़े धारण करना चाहिए.
आठवां दिन – पीला या हरा (मां महागौरी)
मां महागौरी नवरात्रि के आठवें दिन की देवी हैं. ये शक्ति और सौंदर्य की प्रतीक हैं. पीला या हरा रंग ज्ञान और बुद्धिमत्ता का प्रतीक माना जाता है. जो मां महागौरी के गुणों को दर्शाता है. इस दिन पीले या हरे रंग के कपड़े पहनने से भक्तों को ज्ञान और बुद्धिमत्ता प्राप्त होती है.
नौवां दिन ‘नवमी’ – हरा या पीला (मां सिद्धिदात्री)
मां सिद्धिदात्री नवरात्रि के नौवें दिन की देवी हैं. ये शक्ति और सिद्धि की प्रतीक हैं. हरा या पीला रंग प्रकृति और विकास का प्रतीक माना जाता है. जो मां सिद्धिदात्री के गुणों को दर्शाता है. इस दिन हरे या पीले रंग के कपड़े पहनने से भक्तों को प्रकृति और विकास की प्रेरणा मिलती है.
दसवां दिन ‘विजयदशमी’ – (मां दुर्गा या नवदुर्गा)
नवरात्रि के दसवें दिन के लिए सुनेहरे या जामुनी रंग शुभ माना जाता है. यह रंग शक्ति, विजय और उत्सव का प्रतीक है. जो विजयदशमी के त्योहार की भावना को दर्शाता है. इस दिन गोल्डन या जामुनी रंग के कपड़े पहनने से भक्तों को भगवान राम की विजय और महानता की याद भी दिलाई जाती है और उन्हें शक्ति और उत्साह का अनुभव होता है.
यह भी पढ़ें: देश का वो मंदिर जहां पाकिस्तानी ब्रिगेडियर ने की थी पूजा, चढ़ाए थे चांदी के छत्र, ढाई साल बाद मिली परमिशन
FIRST PUBLISHED : October 3, 2024, 17:36 IST