Panchmukhi Hanuman Ji Vastu Tips: भगवान श्री राम के परम भक्त हनुमान जी की हर मंगलवार और शनिवार को पूजा की जाती है. कहते हैं कि ‘संकटमोचन’ हनुमान जी का नाम सुनते ही सभी प्रकार के दुःख, दर्द स्वयं ही दूर हो जाते हैं. इतना ही नहीं ‘भूत-पिशाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे…’. कहते हैं कि हनुमान जी के पंचमुखी अवतार की पूजा तो हर संकट को हर लेती है. इसलिए मंदिरों में पंचमुखी हनुमान जी की पूजा का विशेष विधान है. लेकिन क्या पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ती या तस्वीर घर में भी लगाई जा सकती है? अगर हां तो इसे घर के किस हिस्से में लगाना सबसे ज्यादा फलदायी होता है? बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से जानें क्या है इसका विधान.
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बताते हैं, ‘घर में अगर आपके बहुत नकारात्मक ऊर्जा हो, आपको लगता है कि कोई तंत्र विद्या है, घर में किसी ने कुछ करा दिया है, आपको लगता है कि ये नेगेटिव एनर्जी आपके घर के लोगों को, परिवार को नकारात्मक कर रही है. इससे बिलकुल न घबराएं, बल्कि ये उपाय करें. पंचमुखी हनुमान जी की प्रतिमा या तस्वीर, किसी साधु या पंडित या किसी आचार्य से उनका पूजन करवाकर, मंगलवार के दिन, उनके चरणों में थोड़ा सा सिंदूर लगाएं. अब पान के पत्ते में शहद लगाकर, उसपर पंचमुखी हनुमान जी की प्रतिमा या फोटो रखकर, इसे अपने घर के मुख्य दरवाजे पर टांग देना. ये आपके घर में कभी नकारात्मक शक्ति का प्रवेश नहीं करने देगी. हनुमान जी ने, अहिरावण के वध के लिए पंचमुखी अवतार लिया था. अहिरावण मतलब नकारात्मकता, राक्षसी प्रवृति, तंत्र-मंत्र आदि.
एक बार तस्वीर स्थापित करने के बाद, आपको प्रतिदिन पंचमुखी हनुमान जी की तस्वीर को धूप-दीप दिखना चाहिए. साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ और हनुमान जी के मंत्रों का जप भी आप कर सकते हैं. प्रतिदिन पूजा ना भी कर पाएं तो मंगलवार और शनिवार को अवश्य करें.
क्यों लिया हनुमान जी ने पंचमुखी अवतार
पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान राम और रावण के बीच में युद्ध हो रहा था, तो रावण को अपनी हार सामने नजर आने लगी. तब उसने अपने मायावी भाई अहिरावण से सहायता मांगी, जो मां भवानी का परम भक्त था और उसे तंत्र विद्या का ज्ञान भी था. उसने अपनी मायावी शक्तियों का प्रयोग करके भगवान राम की पूरी सेना को नींद में सुला दिया और भगवान राम और लक्ष्मण का अपहरण कर उन्हें पाताल लोक ले गया. मां भवानी का भक्त होने के कारण अहिरावण ने भवानी देवी के निमित्त 5 दिशा में 5 दीपक जलाए हुए थे. उसे यह वरदान प्राप्त था कि जो इन पांचों दीपक को एक साथ बुझा पाएगा वही उसका वध कर सकेगा. तब अहिरावण से राम जी और लक्ष्मण जी को मुक्त कराने के लिए हनुमानजी ने पंचमुखी रूप धारण किया और पांचों दीपकों को एक साथ बुझाकर अहिरावण का वध कर दिया.
FIRST PUBLISHED : November 4, 2024, 17:13 IST