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Haridwar: ऐसी मान्यता है कि पितृ नाराज हों तो जीवन में तमाम तरह की समस्याएं आती हैं. उन्हें शांत करने के लिए ज्योतिषी के बताए ये उपाय इस खास दिन किए जा सकते हैं.

इस दिन करें पितरों के निमित्त धार्मिक अनुष्ठान
हाइलाइट्स
- पितृ दोष से मुक्ति के लिए वैशाख अमावस्या पर पूजा करें.
- पितरों की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान करें.
- 2025 में वैशाख अमावस्या 27 अप्रैल को होगी.
हरिद्वार. हिंदू धर्म में पितृ पक्ष के लिए आश्विन मास का विशेष महत्व होता है. इन दिनों में पितृ संबंधित कोई भी धार्मिक अनुष्ठान, धार्मिक क्रिया, पिंडदान आदि करने का महत्व होता है. वही साल में होने वाली सभी 12 अमावस्या पर भी पितृ पक्ष की पूजा, अनुष्ठान आदि करने का विधान बताया गया है. धर्म कर्म के लिए वैशाख मास यानी हिंदू वर्ष का दूसरा महीना बेहद ही खास बताया गया है. वैशाख अमावस्या पर पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति पितरों की शांति के लिए पूजा पाठ, तर्पण, पिंडदान आदि कर सकते हैं.
पितृ दोष होने पर जीवन में अनेक प्रकार की समस्याएं घर कर लेती हैं. अपने पितरों, पूर्वजों को तृप्त करने और पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए वैशाख अमावस्या का दिन खास होता है. इस दिन पितृ तृप्त होकर अपने लोक चले जाते हैं और अपने वंशजों को सुख शांति से जीवन व्यतीत करने का आशीर्वाद देते हैं.
करें ये खास उपाय
पितृ नाराज हैं तो अमावस्या के दिन क्या खास उपाय करें इसकी जानकारी देते हुए हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि वैशाख अमावस्या हिंदू धर्म में विशेष फल प्रदान करने वाली होती है. इस दिन अपने पितरों के निमित्त कोई भी धार्मिक कार्य करने पर संपूर्ण लाभ प्राप्त होता है. वह बताते हैं कि पितृ दोष होने पर जीवन में अनेक प्रकार की समस्याएं आनी शुरू हो जाती हैं.
पितृ दोष की शांति के लिए वैशाख अमावस्या के दिन जानकारी पितृ निवारण दोष के निवारण का अनुष्ठान करने पर पितृ प्रसन्न होते हैं और जीवन में चल रही समस्याएं खत्म हो जाती है हरिद्वार में वैशाख अमावस्या के दिन धार्मिक अनुष्ठान पूजा पाठ तर्पण पिंडदान पितरों को जलांजलि पितरों को तिलांजलि आदि देने पर जीवन में सुख शांति सुख समृद्धि आती है. साल 2025 में वैशाख अमावस्या 27 अप्रैल को होगी. इस दिन हरिद्वार में ब्रह्म मुहूर्त से कोई भी कर्मकांड करने का विशेष विशेष फल की प्राप्ति होगी.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.