Friday, September 26, 2025
29 C
Surat

पितरों को समर्पित है भीष्म द्वादशी, पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति, करें ये खास उपाय


Agency:Bharat.one Uttar Pradesh

Last Updated:

इस दिन अपने पितरों और पूर्वजों को समर्पित होकर तर्पण, पिंडदान, तिलांजलि आदि देने से पितृ प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद अपने वंशजों पर सदैव बनाए रखते हैं. हिंदू धर्म में भीष्म द्वादशी का विशेष महत्व बताया गया हैं ज…और पढ़ें

X

भीष्म

भीष्म द्वादशी पितरों को समर्पित तिथि

हाइलाइट्स

  • भीष्म द्वादशी पर पितरों को तर्पण, पिंडदान से शांति मिलती है
  • पितृ दोष से मुक्ति के लिए भीष्म द्वादशी पर विशेष उपाय करें
  • 2025 में भीष्म द्वादशी 9 फरवरी को मनाई जाएगी

हरिद्वार. हिंदू धर्म में हर रोज त्योहारों का आगमन होता रहता है. ये त्योहार सुख, समृद्धि और खुशहाली के लिए विशेष दिन होते हैं, जिन्हें शास्त्रों में बताई गई विधि से करने पर चमत्कारी लाभ होते हैं. वैसे तो पितरों को समर्पित अनेक स्थितियां आती रहती हैं, जिन पर पितरों के निमित्त धार्मिक अनुष्ठान, कर्मकांड, तर्पण आदि करने का विधान होता है. लेकिन माघ मास शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि भी पितरों को समर्पित होती है.

माघ मास शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को भीष्म द्वादशी का आगमन होता है. इस दिन अपने पितरों और पूर्वजों को समर्पित होकर तर्पण, पिंडदान, तिलांजलि आदि देने से पितृ प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद अपने वंशजों पर सदैव बनाए रखते हैं. हिंदू धर्म में भीष्म द्वादशी का विशेष महत्व बताया गया है, जो भीष्म पितामह से जुड़ा हुआ है.

पितरों को शांति मिलती है…
भीष्म द्वादशी के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने उत्तराखंड हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री से बातचीत की. उन्होंने Bharat.one को बताया कि भीष्म द्वादशी भीष्म पितामह से जुड़ी हुई है. जैसे भीष्म पितामह ने अपने पिता शांतनु की सेवा करने के लिए आजीवन ब्रह्मचर्य और शादी ना करने की प्रतिज्ञा लेकर उनकी सेवा की थी, ऐसे ही इस दिन अपने पूर्वजों, पितरों के निमित्त कोई भी धार्मिक अनुष्ठान, कर्मकांड, तर्पण, पिंडदान, तिलांजलि आदि करने पर पितरों को शांति मिलती है और वह अपने लोक लौट जाते हैं.

जानें सही समय
भीष्म द्वादशी के दिन अपने पूर्वजों पितरों को शांति देने के लिए धार्मिक कार्यों का विशेष महत्व होता है. वही पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति को भी इस दिन विशेष लाभ होता है. यानी कोई व्यक्ति पितृ दोष से पीड़ित है तो उनके द्वारा ज्योतिष शास्त्र की विधि से धार्मिक कार्य करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है और घर में सुख शांति, सुख समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है. साल 2025 में भीष्म द्वादशी 9 फरवरी को होगी. वैदिक पंचांग के अनुसार माघ शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि का आरंभ 8 फरवरी की रात 8:16 मिनट से शुरू होकर 9 फरवरी की रात 7:25 तक रहेगी. उदया तिथि 9 फरवरी को होगी, इसलिए इसी दिन भीष्म द्वादशी पर पितरों के निमित्त धार्मिक अनुष्ठान किया जाएगा.

Note: भीष्म द्वादशी के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए आप हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री से उनके फोन नंबर 9557125411 और 9997509443 पर संपर्क कर सकते हैं.

homedharm

पितरों को समर्पित है भीष्म द्वादशी, पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति, करें ये उपाय

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

Hot this week

Topics

Navratri 2025 tips। आसान नवरात्रि पूजा

Last Updated:September 26, 2025, 09:01 ISTDurga Blessing Without...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img