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Agarbatti Jalane ke Niyam: आजकल पूजा-पाठ करते समय अगरबत्ती का इस्तेमाल बहुत ही आम हो गया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिंदू धर्म में अगरबत्ती जलाना शुभ है या अशुभ? अगर अगरबत्ती जलाएं तो कितनी जलाएं. यहां जानें सबकुछ…(रिपोर्ट: शुभम/उज्जैन)

हिन्दू धर्म में भगवान की पूजा का विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है. हर कोई व्यक्ति भगवान को प्रसन्न करने के लिए रोजाना पूजा-पाठ करता है. देखा जाता है भगवान में आस्था रखने वाले अधिकांश लोग भगवान के सामने अगरबत्ती जलाना नहीं भूलते.

घर हो या फिर मंदिर प्रसाद के साथ अगरबत्ती जरूर होती है. कोई दो अगरबत्ती जलाता है तो कोई पांच. बाजारों में अलग-अलग खुशबू वाली अगरबत्ती उपलब्ध है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिंदू धर्म में अगरबत्ती जलाना शुभ है या अशुभ? आइए जानते हैं उज्जैन के पंडित आनंद भारद्वाज से..

शास्त्रों के अनुसार, अगरबत्ती के जलाने का उल्लेख नहीं किया गया है. हर जगह धूपबत्ती या कपूर की बात कही गई है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार बांस का उपयोग अर्थी बनाने में किया जाता है, लेकिन दाह संस्कार में बांस को नहीं जलाया जाता है.

इसलिए बांस से बनी अगरबत्तियों को पूजन में जलाना शुभ नहीं माना जाता है. शादी, जनेऊ, मुंडन आदि में बांस की पूजा की जाती है. शादियों में बांस से मंडप बनाया और सजाया जाता है. इसलिए पूजा विधियों में बांस से बनी अगरबत्तियों को जलाना निषेध माना जाता है.

जब कोई चीज परम्परा बन जाती है, तो उस पर निषेध नही लगाया जा सकता है. इसलिए अगर आप भी पूजा में अगरबती जलाते हैं, तो उज्जैन के पंडित आनंद के अनुसार, हमेशा दो अगरबत्ती जलाना चाहिए.

इससे देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है और घर में शांति और सुख-समृद्धि का वास होता है. चार अगरबत्तियां जलाना शक्ति का प्रतीक माना जाता है. इसे विशेष धार्मिक अनुष्ठानों और यज्ञों में उपयोग करना अत्यधिक लाभकारी होता है.

चार अगरबत्तियां जलाने से घर में उत्पन्न बाधाओं और कष्टों से मुक्ति मिलती है, ऐसा माना जाता है. अगरबत्ती जलाने के नियम की अगर बात करे तो केवल वहीं अगरबत्ती जलानी चाहिए, जो एकदम सही हो और कहीं से टूटी हुई ना हो.

केवल वही अगरबत्ती जलाएं जो सुगंधित हों. अगरबत्ती जलाते समय उसपर फूंक ना मारें. अगरबत्ती जलाने के नियम के तहत इसे जलाने के बाद इसे चारों दिशा की ओर घूमाएं.







