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पूर्णिमा 2025: देवघर ज्योतिषाचार्य से जानें चंद्रग्रहण पूजा मुहूर्त


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Lunar Eclipse 2025: देवघर के ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने कहा इस साल भाद्रपद मां की पूर्णिमा तिथि के दिन चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. जिसका प्रभाव भारत में भी रहने वाला है. चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पहले स…और पढ़ें

देवघरः सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि बहुत खास होता है. क्योंकि इस दिन व्रत रखकर सत्यनारायण की कथा सुनी जाती है और भगवान विष्णु माता लक्ष्मी की पूजा आराधना की जाती है. ऐसा करने से लक्ष्मी नारायण बेहद प्रसन्न होते हैं. जिससे घर में सुख समृद्धि की वृद्धि होती है और कभी भी आर्थिक तंगी नहीं होती है. कुछ ही दिनों में भाद्रपद माह का पूर्णिमा तिथि आने वाला है. साल 2025 का पूर्णिमा तिथि सबसे खास है. क्योंकि इस दिन साल का अंतिम चंद्रग्रहण लगने जा रहा है. चंद्रग्रहण के समय पूजा पाठ की मनाही हो जाती है. तो पूर्णिमा के दिन कैसे करे पूजा पाठ, शुभ मुहूर्त जाने देवघर के ज्योतिषाचार्य से?

क्या कहते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य
देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने Bharat.one के संवाददाता से बातचित करते हुए कहा कि इस साल 2025 में 7 सितंबर को भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि है. इसी दिन साल का अंतिम चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है. यह चंद्र ग्रहण भारत सहित अंटार्कटिका अमेरिका उत्तरी अमेरिका सहित अन्य देशों में भी दिखाई देने वाला है. जिससे इसका प्रभाव भी भारत में पड़ेगा. चंद्र ग्रहण के ठीक 9 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है. जिसे अशुभ समय माना जाता है. इस समय पूजा पाठ की बिल्कुल मनाही होती है. अन्यथा इसका प्रभाव नकारात्मक पड़ता है.

चंद्रग्रहण का समय
ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि पंचांग के अनुसार ग्रहण की शुरुआत 7 सितंबर रात 09 बजकर 58 मिनट में होने वाला है और समापन देर रात 01 बजकर 26 मिनट को होगा. वहीं चंद्र ग्रहण से ठीक 9 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है. यानी 07 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 57 मिनट से सूतक काल शुरू हो जाएगा.

पूर्णिमा के इस मुहूर्त में कर सकते हैं पूजा पाठ
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि कई लोग पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण की कथा सुनते हैं. भगवान विष्णु माता लक्ष्मी की पूजा आराधना करते हैं. तो पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त से लेकर दोपहर 12 बजे से पहले भगवान विष्णु माता लक्ष्मी की पूजा पाठ कर सत्यनारायण की कथा सुन ले तो शुभ रहेगा.

सूतक काल के समय करें इन मंत्रो का जाप 
पूरे सूतक काल के समय पूजा पाठ की मनाही होती है, लेकिन मंत्र का जब वर्जित नहीं होता है. इसलिए पूरे सूतक काल के समय भगवान शिव के पंचाक्षर मंत्र, गुरु मंत्र, महामृत्युंजय जाप करें. इससे ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बिल्कुल दूर रहेंगे और आपकी मंत्र साधना भी पूर्ण हो जाएगी.

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Amit ranjan

मैंने अपने 12 वर्षों के करियर में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर डिजिटल और Bharat.one तक पहुंचा। रिपोर्टिंग से ले…और पढ़ें

मैंने अपने 12 वर्षों के करियर में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर डिजिटल और Bharat.one तक पहुंचा। रिपोर्टिंग से ले… और पढ़ें

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