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प्रेमानंद महाराज की बीमारी के लिए यह ग्रह जिम्मेदार, जानें कौन सा ग्रह किस बीमारी के लिए जिम्मेदार


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Diseases Associated With 9 Planets: राधा रानी के परम भक्त प्रेमानंद महाराज किडनी से जुड़ी बीमारी से परेशान हैं, इसके बाद भी वह सभी भक्तों को प्रवचन देते हैं और बीमारी को राधारानी का प्रसाद मानकर खुश नजर आते हैं…और पढ़ें

प्रेमानंद महाराज की बीमारी के लिए यह ग्रह जिम्मेदार, जानें ग्रहों का संबंध

प्रेमानंद महाराज की बीमारी के लिए यह ग्रह जिम्मेदार

हाइलाइट्स

  • प्रेमानंद महाराज किडनी की बीमारी से परेशान हैं.
  • किडनी की बीमारी के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार.
  • हर बीमारी के लिए नवग्रह जिम्मेदार.

वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज आध्यात्मिक प्रवचन देते हैं और कई वीआईपी लोग दर्शन के लिए उनके आश्रम पहुंचते हैं. हर दिन हजारों की संख्या में भक्त महाराजजी से मिलने जाते हैं और उनके प्रवचन से ईश्वर को अपने करीब पाते हैं. प्रेमानंद महाराज की दोनों किडनी फेल हैं और वह लगभग 20 वर्षों से इस बीमारी से परेशान रहे हैं. लेकिन क्या आपको पता है प्रेमानंद महाराज की किडनी से संबंधित बीमारी के लिए देवताओं के गुरु बृहस्पति जिम्मेदार हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नवग्रह हमारे दैनिक जीवन बड़ी भूमिका अदा करते हैं. चाहें वह शिक्षा हो, नौकरी, कारोबार, परिवार, बीमारी या फिर जीवन के क्षेत्रों से जुड़ा कुछ भी. साथ ही नवग्रह हमारे स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव डालते हैं. आइए जानते हैं किस बीमारी के लिए कौन से ग्रह जिम्मेदार होते हैं…

सूर्य ग्रह
सूर्य ग्रह को ग्रहों के राजा होने का दर्जा प्राप्त है और कुंडली में अगर सूर्य की स्थिति सही ना हो तो पेट, हॉर्ट, आंख, बुखार, माइग्रेन, पुरुष की राइट साइड की आंख, सिर, पीठ, महिला की लेफ्ट साइड की आंख, जोड़, साइनस आदि से संबंधित रोगों के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं.

चंद्रमा
चंद्रमा को ग्रहों की रानी का दर्जा प्राप्त है और अगर कुंडली में चंद्रमा की स्थिति सही नहीं है तो अनिद्रा, अस्थमा, फेंफड़े, रक्त, पुरुष की लेफ्ट साइड की आंख, महिला की राइट साइड की आंख आदि बीमारियां होती हैं. वहीं अगर चंद्रमा और शनि की युति बन रही है तो सूखी आंख, डायबिटीज, उल्दी आदि परेशानियां होती हैं.

मंगल ग्रह
मंगल ग्रह को ग्रहों का सेनापति का दर्जा प्राप्त है और अगर कुंडली में मंगल की स्थिति सही नहीं है तो खून, नाक, छाति, पित्त, पित्ताशय की थैली, अस्थि मज्जा आदि से संबंधित बीमारियां होती हैं. वहीं अगर मंगल दोष लगा है तो मानसिक विकार, खुजली, खून का थक्का जमना, घूटने की समस्या, महिला जननांग के रोग आदि होने का खतरा बना रहता है.

बुध ग्रह
बुध ग्रह को ग्रहों के राजकुमार होने का दर्जा प्राप्त है और अगर कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति कमजोर है तो थायराइड, कान की समस्या, मानसिक तनाव, चेहरे, त्वचा, तंत्रिका तंत्र आदि बीमारियां होती हैं.

बृहस्पति ग्रह
बृहस्पति ग्रह को देवताओं का गुरु माना जाता है और इनको गुरु ग्रह भी कहा जाता है. कुंडली में अगर गुरु ग्रह की स्थिति अनुकूल नहीं है तो लीवर, किडनी, मोटापा, ट्यूमर, मेमोरी लॉस, हॉर्ट, फैटी लीवर आदि से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा बना रहता है.

शुक्र ग्रह
शुक्र ग्रह को असुरों का गुरु माना जाता है. कुंडली में अगर शुक्र की स्थिति सही नहीं है तो गले, गले की ग्रंथियां, चेहरा, नपुंसकता, मूत्र संबंधी समस्या, ओवेरियन सिस्टम आदि से संबंधित बीमारी परेशान कर सकती है.

शनि ग्रह
शनि ग्रह को न्याय का देवता माना जाता है और अगर कुंडली में स्थिति सही नहीं है तो दांत, बाल, जोड़ों में दर्द, मांसपेशी, पैर, गठिया, हड्डी, शारीरिक कमजोरी, गैस्ट्रिक आदि से जुड़ी स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो सकती हैं.

राहु ग्रह
कुंडली में अगर राहु की स्थिति सही नहीं है तो मोतियाबिंद, हकलाना, अल्सर, कैंसर, सांस लेने में तकलीफ आदि जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

केतु ग्रह
कुंडली में अगर केतु की स्थिति अनुकूल नहीं है तो वह ऐसे रोग पैदा कर सकता है, जिसमें व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है. किसी कीड़े के काटने से घाव होना, मांस का सड़ना, पेट संबंधित बीमारियां आदि होती रहती हैं.

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