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बिना प्राण प्रतिष्ठा के ही मौनी बाबा ने चढ़ा दिया था सिंदूर, तिलयाना वाले लगोंट वाले हनुमान जी के स्थापना को लेकर है रोचक कहानी


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Chhatarpur Hanuman Temple: छतरपुर जिले में एक ऐसा भी हनुमान मंदिर है जहां एक ऐसी भी मर्यादा का पालन किया जाता है कि जहां हनुमान जी बिना वस्त्र के किसी को दर्शन नहीं देते हैं. इस मंदिर के निर्माण की कहानी भी रोचक है. दरअसल, इस मंदिर में हनुमान मूर्ति में प्राण-प्रतिष्ठा बगैर ही मौनी बाबा ने सिंदूर चढ़ाकर मूर्ति स्थापना कर दी थी.

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Tilyana Hanuman Sarkar Temple: छतरपुर जिले के गौरिहार जनपद के अंतर्गत तिलयाना गांव में एक ऐसा भी हनुमान मंदिर है जहां एक ऐसी मर्यादा का पालन किया जाता है कि हनुमान जी बिना वस्त्र के किसी को दर्शन नहीं देते हैं. इस मंदिर के निर्माण की कहानी भी रोचक है. दरअसल, इस मंदिर का निर्माण एक मौनी बाबा ने किया था. स्थानीय लोगों के मुताबिक मौनी बाबा ने बिना प्राण-प्रतिष्ठा के ही मूर्ति में सिंदूर चढ़ा दिया था. कहते हैं कि मौनी बाबा को खुद हनुमान जी ने सपना दिया था. जिसके बाद मौनी बाबा चित्रकूट से हनुमान जी की मूर्ति यहां लाए थे और यहां फिर हनुमान मंदिर का निर्माण कराया गया.

निर्माण के पीछे है रोचक कहानी

तिलयाना गांव के निवासी कालका प्रसाद पाठक बताते हैं कि इस मंदिर में जो हनुमान मूर्ति रखी है. इसकी स्थापना की कहानी भी बड़ी रोचक है. कालका Bharat.one से बताते हैं कि इस मंदिर के पास में ही एक अजीतपुर नाम का एक गांव है, जहां मौनी बाबा रहा करते थे. बाद में इस गांव से मौनी बाबा यहां के एकांत जंगल में आ गए और फिर यहीं रहकर मौन साधना करने लगे. कहते हैं कि मौनी बाबा को सपने में हनुमान जी आए थे और इसके बाद चित्रकूट से वह हनुमान जी की मूर्ति यहां ले आए और बेलपत्र पेड़ के नीचे हनुमान मूर्ति को रख दिया.

बिना प्राण प्रतिष्ठा के कर दिया ये काम

हनुमान जी की मूर्ति के बारे में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति मूर्ति पर तब तक सिंदूर नहीं चढ़ा सकता है जब तक उस मूर्ति में प्राण-प्रतिष्ठा न हुई हो. लेकिन मौनी बाबा ने बिना प्राण-प्रतिष्ठा के ही इस मूर्ति में सिंदूर चढ़ा दिया. यह बात जब स्थानीय लोगों को पता चला तो सभी ने यही कहा कि एक संत ने सिंदूर चढ़ाया है तो इसमें भी हनुमान जी की ही इच्छा रही होगी. इसके बाद इस स्थान पर श्रीमद् भागवत कथा भी कराई गई. ताकि सभी देवता यहां आकर हनुमान जी की प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल हों.

40 साल पुराना हनुमान मंदिर

इसके बाद लगभग डेढ़ साल बाद मौनी बाबा ने मंदिर निर्माण शुरू करा दिया जिसमें हम सभी ने सहयोग किया. इस हनुमान मंदिर निर्माण में भक्तगण के साथ एक पुलिस दरोगा भी शामिल थे. इस मंदिर का निर्माण साल 1985-86 में हुआ था. इस मंदिर में बैठे हनुमान जी तिलयाना सरकार महाराज के नाम से प्रसिद्ध हैं. मौनी बाबा के दुनिया छोडने के बाद बाद शिष्य हरिदास इस मंदिर की देखरेख करने लगे.‌ यहां एक विशाल यज्ञ भी कराया गया था. अब इस मंदिर की देखरेख करने के लिए न मौनी बाबा है और न ही उनके शिष्य हैं. इसलिए हनुमान जी के इस चमत्कारी मंदिर की देखरेख हम ही करते हैं.

वहीं इस मंदिर के सेवक बताते हैं कि इस हनुमान मंदिर में एक पुरानी परंपरा है कि यहां हनुमान जी बिना वस्त्र के किसी को दर्शन नहीं देते हैं. इसलिए यहां हनुमान जी को हर दिन लंगोट चढ़ाया जाता है. यहां हनुमान जी मर्यादा में रहते हैं.

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Rajneesh Kumar Yadav

मैं रजनीश कुमार यादव, 2019 से पत्रकारिता से जुड़ा हूं. तीन वर्ष अमर उजाला में बतौर सिटी रिपोर्टर काम किया. तीन वर्षों से न्यूज18 डिजिटल (लोकल18) से जुड़ा हूं. ढाई वर्षों तक लोकल18 का रिपोर्टर रहा. महाकुंभ 2025 …और पढ़ें

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बिना प्राण प्रतिष्ठा के ही मौनी बाबा ने चढ़ा दिया था सिंदूर, अब हो रही पूजा

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