
ओम प्रयास / हरिद्वार. हिंदू कैलेंडर के 12 महीनों में मार्गशीर्ष मास भगवान विष्णु को सबसे अधिक प्रिय और विशेष फल प्रदान करने वाला माना जाता है. श्रीमद् भगवत गीता के अनुसार सभी भक्तों के पाप नष्ट करने और मोक्ष देने के लिए मार्गशीर्ष माह सबसे उत्तम समय है. इस माह में जहां भगवान विष्णु की पूजा करने से लाभ मिलता है वहीं भगवान शिव भी मोक्ष का वरदान देते हैं. मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने से कई गुना फल प्राप्त होते हैं. पूर्णिमा के दिन धार्मिक अनुष्ठान भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करने का विधान बताया गया है.
हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री ने बताया कि भगवान विष्णु को मार्गशीर्ष मास अधिक प्रिय है. मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना, उनके निमित्त व्रत, आराधना, धार्मिक अनुष्ठान आदि करने से सभी पाप खत्म हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. सभी 12 पूर्णिमाओं में मार्गशीर्ष पूर्णिमा का सबसे अधिक महत्व इसलिए भी बताया गया है क्योंकि यह पूरा मास भगवान विष्णु को समर्पित होता है. इसी माह में हजारों वर्ष पहले भगवान विष्णु के संपूर्ण कलाओं से संपन्न अवतार श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र की भूमि पर अर्जुन को गीता के उपदेश दिए थे. तो वहीं इसी माह में महाशक्ति देवी एकादशी का जन्म भी हुआ था. मार्गशीर्ष मास में एकादशी का व्रत सबसे अधिक फलदायक और मोक्ष प्रदान करने वाला बताया गया है. मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन विष्णु भगवान के मंत्रो, विष्णु सहस्त्रनाम, वैदिक मंत्रों और बीज मंत्र का जाप सबसे अधिक फल प्रदान करने वाला होता है. इन सभी को करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होकर मोक्ष प्राप्ति का आशीर्वाद देते हैं.
ऐसे ही मार्गशीर्ष मास में विष्णु भगवान के साथ ही भोलेनाथ के निमित्त कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का सबसे अधिक महत्व होता है. इस दिन भोलेनाथ भक्तों से प्रसन्न होकर दीर्घायु का आशीर्वाद प्रदान करते हैं और अकाल मृत्यु, अकाल मृत्यु का भय, सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. मार्गशीर्ष मास में त्रयोदशी तिथि का व्रत भगवान शिव की पूजा, आराधना, धार्मिक अनुष्ठान विधि विधान से करने पर मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं और जन्म मरण का बंधन कट जाता है. पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा के दिन भगवान शिव के स्तोत्र, मंत्र आदि का जाप किया जाए तो विशेष लाभ की प्राप्ति होने की धार्मिक मान्यता हैं. पूर्णिमा के दिन इन सभी का विशेष लाभ और फल प्राप्त होता है.
FIRST PUBLISHED : December 13, 2024, 14:41 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.







