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Durva Use in Lord Ganesh Puja: पंडित नंद बाबू Bharat.one को बताते हैं कि दूर्वा (दूब) भगवान गणेश को इसलिए चढ़ाई जाती है ताकि शरीर की बाधाएं दूर हो जाएं. इससे घुटनों का दर्द, हाथ दर्द जैसी बाधाएं ठीक हो जाती हैं. दूब में यही प्रधान गुण पाया जाता है.
वह बताते हैं कि दूर्वा या दूब नाम की यह औषधीय घास कुछ खास जगह पर ही उगती है, जैसे- कुएं की जगह पर यह घास देखने को मिल जाती है. साथ ही तालाब के किनारे भी दूर्वा देखने को मिल जाती है. अगर आपके घर में तुलसी है, तो वहां की शीत में यह छोटी घास उग आती है.
पंडित नंद बाबू शुक्ला आगे बताते हैं कि गौरी, गणेश और कलश पर दूर्वा पूजनीय मानी जाती है. शादी-ब्याह जैसे कार्यक्रमों में जहां भी भगवान गणेश की पूजा होती है, वहां इस घास को जरूर चढ़ाया जाता है. इसके साथ ही गौरी और कलश पर भी दूर्वा को चढ़ाया जाता है. दूर्वा के बिना भगवान गणेश की पूजा अधूरी मानी जाती है. गणपति महाराज को दूर्वा चढ़ाना अनिवार्य होता है.
ठीक हो जाते हैं मर्ज
पंडित नंद बाबू बताते हैं कि यह घास भगवान गणेश को इसलिए चढ़ाई जाती है ताकि शरीर की बाधा दूर हो जाए. इससे घुटनों का दर्द, हाथ दर्द जैसी बाधाएं ठीक हो जाती हैं. इस घास में यही प्रधान गुण पाया जाता है. भगवान गणेश को फूल चढ़ाते हैं, चंदन चढ़ाते हैं, चावल चढ़ाते हैं, आरती करते हैं और दूर्वा चढ़ाकर वह हमारे शरीर का कष्ट दूर करते हैं. यह एक कष्ट निवारक औषधीय घास है. छतरपुर जिले में लोग भगवान गणेश को दूर्वा इसलिए चढ़ाते हैं ताकि उनके शारीरिक कष्ट दूर हो सकें.
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.