Monday, October 13, 2025
33 C
Surat

भव्य, दिव्य, अलौकिक…जहां स्नान करने से मिलते हैं 68 तीर्थों के बराबर पुण्य


Agency:Local18

Last Updated:

Kurukshetra Tirth Surt: सूरत के जहांगीरपुरा इलाके में स्थित कुरुक्षेत्र तीर्थस्थान का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है. यहां पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान निवास किया था. ताप्ती नदी में स्नान करने से 68 तीर्थों का प…और पढ़ें

भव्य, दिव्य, अलौकिक...जहां स्नान करने से मिलते हैं 68 तीर्थों के बराबर पुण्य

कुरुक्षेत्र तीर्थ सूरत

सूरत का जहांगीरपुरा क्षेत्र धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां स्थित कुरुक्षेत्र तीर्थस्थान का इतिहास पौराणिक कथाओं से जुड़ा हुआ है. यह स्थान न केवल अपनी धार्मिकता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसके ऐतिहासिक महत्व के कारण भी विशेष माना जाता है. ताप्ती नदी के किनारे बसे इस तीर्थ स्थान को ताप्तीपुत्र राजा कुरु का क्षेत्र माना जाता है और इसे ताप्तीपुराण में भी उल्लेखित किया गया है.

कुरु राजेश्वर महादेव मंदिर
कुरुक्षेत्र के दिल में स्थित कुरु राजेश्वर महादेव मंदिर, जो ताप्ती नदी के किनारे स्थित है, एक प्राचीन मंदिर है. महाभारत के समय में यहां पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान निवास किया था. इस मंदिर में पांच पांडवों की मूर्तियां और पांच अलग-अलग शिवलिंग हैं. यह मंदिर एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जहां भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है. इस स्थान के संबंध में यह भी कहा जाता है कि अर्जुन ने यहां भगवान शंकर का रुद्राभिषेक किया था.

पुण्य और मोक्ष का स्थान
कुरुक्षेत्र का यह तीर्थक्षेत्र पापमुक्ति और मोक्ष प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध है. ताप्ती नदी के जल में स्नान करने से 68 तीर्थों में स्नान के बराबर पुण्य मिलता है. खासकर सोमवती अमावस्या के दिन यहां स्नान करने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है. यहां के पवित्र जल में स्नान करने से न केवल शारीरिक लाभ होता है, बल्कि आत्मिक शांति भी मिलती है. कहा जाता है कि ताप्ती माता के आशीर्वाद से यहां स्नान करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष प्राप्त होता है.

पुजारी की बातें
मंदिर के पुजारी प्रियंक गोस्वामी ने इस तीर्थस्थान के महत्व के बारे में बताया, “यह मंदिर महाभारत काल का माना जाता है. यहां की धार्मिक और ऐतिहासिक गाथाएं कई पीढ़ियों से चली आ रही हैं. मेरे पिता और दादा भी इस मंदिर में सेवा करते आए हैं. यहां के आशीर्वाद से लोगों को 68 तीर्थों के बराबर पुण्य प्राप्त होता है, जो एक अद्भुत आशीर्वाद है.” पुजारी ने आगे कहा कि यहां आने वाले भक्तों को विशेष पुण्य मिलता है, और जो सोमवती अमावस्या के दिन ताप्ती नदी में स्नान करते हैं, वे मोक्ष के अधिकारी माने जाते हैं.

तीर्थस्थल का महत्व
कुरुक्षेत्र का यह तीर्थ स्थल न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह प्राचीन धर्मगाथाओं और पौराणिक कथाओं का जीवंत साक्षी भी है. सालभर भक्तों का आना-जाना इस तीर्थ स्थल के महत्व को और बढ़ाता है. यहां आने से न केवल पुण्य मिलता है, बल्कि यह स्थान व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति में भी मदद करता है.

homedharm

भव्य, दिव्य, अलौकिक…जहां स्नान करने से मिलते हैं 68 तीर्थों के बराबर पुण्य

Hot this week

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img