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महाकुंभ में स्नान के बाद जरुर करें इस शक्तिपीठ के दर्शन, मिलेगा तीर्थ यात्रा का पूरा फल



Kumbh Mela 2025: ‘तीर्थनगरी’ प्रयागराज में इस साल महाकुंभ मेले का आयोजन होने वाला है. महाकुंभ में लाखों की संख्या में श्रृद्धालु आते हैं और पवित्र नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं.कहा जाता है कि यहां जो भी स्नानादि करता है उसे महापुण्य की प्राप्ति होती है. यहां संगम नदी के अलावा कई मंदिर स्थापित हैं जिनके दर्शन करने मात्र से शुभ फल मिलता है.

प्रयागराज में मौजूद इन्हीं चमत्कारी मंदिरों में से देवी मां का एक ऐसा मंदिर है जो कि बहुत प्राचीन व चमत्कारी मंदिर है. इस मंदिर का जिक्र कई पुराणों में भी मिलता है. तो आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में पंडित रमाकांति मिश्रा से विस्तार से जानते हैं.

शक्तिपीठों में से एक है यह मंदिर
प्रयागराज में स्थित कई मंदिरों में से एक मंदिर कल्याणी देवी मंदिर बहुत प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर का वर्णन पद्म पुराण, मत्स्य पुराण और ब्रह्मवैवर्त पुराण में भी मिलता है. कल्याणी मंदिर विशेष इसलिए है क्योंकि यह शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. माना जाता है कि यहां स्थापित मां कल्याणी की 32 अंगुल की प्रतिमा महान महर्षि याज्ञवल्क्य के द्वारा की गई थी. यहां महर्षि याज्ञवल्क्य ने ध्यान और साधना भी की थी.

मंदिर से जुड़ी खास बातें
यह मंदिर अतिप्राचीन माना जाता है. परातत्वविदों के अनुसार, यहां स्थित प्रतिमा 7वीं शताब्दी की है, इस मंदिर का जीर्णोद्धार 1892 में किया गया था. हालांकि इसका पुनर्निर्माण कई राजाओं द्वारा अपने-अपने समय में करवाया गया है. इसके अलावा कल्याणी देवी मंदिर को लेकर स्थानीय लोक मान्यताओं के अनुसार, यहां माता रानी के पूजन के अलावा भी साधु-संतों ने ज्ञान की प्राप्ति की है.

मंदिर की वास्तुकला की बात करें तो ये बेहद खूबसूरत और आकर्षक है. यहां बनी प्राचीन शैली की वास्तुकला इसकी धार्मिक और ऐतिहासिक महत्ता को और भी बढ़ा देती है. इसके अलावा यहां स्थापित देवी मां की मूर्ति एक शिला से बनी हुई है, जोकि अति मनमोहक है. नवरात्रि व महाकुंभ के दौरान यहां बड़ी संख्या में लोग माता कल्याणी देवी के दर्शन के लिए आते हैं.

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मां कल्याणी देवी का महत्व
मां कल्याणी देवी को आद्याशक्ति का रूप माना जाता है. मान्यता है कि जो भी भक्त इस मंदिर में सच्चे मन से दर्शनों के लिए आता है उसकी सभी मनोकामनाएं जरुर पूरी होती है. इस मंदिर में वैसे तो सालभर भक्तों का तांता लगा रहता है लेकिन नवरात्रि के दौरान यहां श्रृद्धालुओं का बड़ी संख्या में आगमन होता है. माता का यह मंदिर न केवल धार्मिक बल्कि आध्यात्मिक शक्ति का भी केंद्र माना जाता है. आप इस मंदिर में प्रवेश करने के बाद मानसिक शांति का अनुभव कर सकते हैं. इसलिए अगर आप महाकुंभ 2025 मेले में जा रहे हैं तो वहां पवित्र नदी में स्नान के बाद कल्याणी देवी मंदिर के दर्शन जरुर करें.

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