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मां विंध्यवासिनी धाम में आ रहे हैं दर्शन करने, तो भूलकर भी न करें यह गलती, वरना बनेंगे पाप के भागीदार!

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मुकेश पांडेय/मिर्जापुर : अगर आप मां विंध्यवासिनी धाम में दर्शन के लिए आ रहे हैं, तो यह गलती भूलकर भी न करें. वरना आप फल की बजाय पाप के भागीदार हो जाएंगे. दरअसल विंध्य पर्वत पर विराजमान आदिशक्ति मां विंध्यवासिनी धाम भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है. दर्शन के लिए यहां पर दूर-दूर से भक्त आते हैं. धाम में आने वाले भक्त कई बार प्रोटोकॉल होने की वजह से निकास द्वार से दर्शन कर लेते हैं. ऐसा करने से फल की बजाय पाप के भागीदार हो जाते हैं.

विन्ध्यधाम के विद्वान पं. अनुपम महराज ने Bharat.one से बातचीत में बताया कि मां के धाम में दर्शन करने के लिए आ रहे हैं, तो कितना भी प्रोटोकॉल हो. निकास द्वार से बिल्कुल दर्शन पूजन के लिए बिल्कुल प्रवेश नहीं करें. अगर पान-गुटखा खाएं हुए हैं, तो पहले मुँह को साफ कर लें और गंगा जल का आचमन करने के बाद मां के धाम में प्रवेश करें. मुंह के साथ पैर- हाथ को साफ करके ही धाम में जाएं.

ऐसे करें गर्भगृह में प्रवेश

पं. अनुपम महराज ने बताया कि मां के धाम में आने से सबसे पहले सीढ़ी पर मत्था टेककर प्रवेश करें. मां के धाम में आने के बाद प्रवेश द्वार पर भगवान गणेश के दर्शन करके मां के गर्भगृह में प्रवेश करें. ध्यान रहे कि प्रवेश करते वक्त पहली बार दाहिना पैर अंदर रखें. तत्पश्चात दर्शन करके बाहर निकलें और दाहिनी ओर जाएं.

मां के पीछे नहीं करें दर्शन

उन्होंने बताया कि मां के धाम में दर्शन के बाद भक्त निकास द्वार से निकलकर मां के पीछे से जाकर दर्शन करते हैं. ऐसा भक्तों को बिल्कुल नहीं करना चाहिए. क्योकि इससे आप पुण्य की बजाय पाप के भागीदार बनेंगे. मां के धाम में आप दर्शन करने आ रहे हैं तो इन बातों का जरुर ख्याल रखें. ताकि आपको फल की प्राप्ति हो.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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