मुकेश पांडेय/मिर्जापुर : नवरात्रि खत्म होने के बाद मां विंध्यवासिनी धाम में चरण स्पर्श दर्शन को लेकर लगी रोक खत्म हो गई है. श्रद्धालुओं पुराने नियम के तहत मंगला आरती के बाद मां के चरण स्पर्श कर सकेंगे. हालांकि भीड़ को देखते हुए पंडा समाज ने नियमों में आंशिक बदलाव किया है. नए नियम के तहत सप्ताह में मंगलवार और रविवार को भक्त मां के चरण स्पर्श नहीं कर सकेंगे. अन्य दिनों में भक्त पुराने नियम के तहत मां के गर्भगृह में जाकर चरण रज को प्राप्त कर पाएंगे.
मां विंध्यवासिनी धाम में चार पहर की आरती होती है. भोर में मंगला आरती, दोपहर में राजश्री आरती, शाम में दीपदान आरती और रात में बड़ी आरती होती है. भक्त भोर में साढ़े चार बजे से रात्रि में 11 बजे तक दर्शन करते हैं. आम दिनों में श्रद्धालु मंगला आरती के बाद चार घंटे तक मां के चरण स्पर्श दर्शन कर सकते हैं. नवरात्रि में भक्तों की भीड़ को देखते हुए अगले आदेश तक चरण स्पर्श पर रोक लगा दिया था. नवरात्रि खत्म होने के बाद चरण स्पर्श पर लगे रोक को हटा दिया गया है. हालांकि थोड़ा नियमों में बदलाव किया गया है.
श्री विंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पं. पंकज द्विवेदी ने Bharat.one से बातचीत में बताया कि नवरात्रि में चरण स्पर्श पर लगे रोक को हटा दिया गया है. पहले की तरह भक्त मंगला आरती के बाद सुबह आठ बजे तक मां के चरण स्पर्श दर्शन कर सकते हैं. सप्ताह में रविवार और मंगलवार और पूर्णिमा के दिन चरण स्पर्श पर रोक रहेगी. भक्तों की संख्या को देखते हुए नियमों में आंशिक बदलाव किया जाता है.
FIRST PUBLISHED : October 15, 2024, 10:40 IST
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