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Khargone News: 21 नवंबर को सुबह 9 बजे मां नर्मदा के पवित्र जल में भगवान राम और माता जानकी को मंगल स्नान (तीर्थ स्नान) कराया जाएगा और इसी के साथ उनके विवाह का शुभारंभ होगा. इसके बाद दो दिनों तक माता जानकी की मनुहार होगी.
खरगोन. मिथिला, अयोध्या और ओरछा के बाद मध्य प्रदेश के खरगोन की धार्मिक नगरी मंडलेश्वर इकलौता ऐसा शहर है, जहां रामानंदी परंपरा अनुसार सभी वैदिक रीति-रिवाजों के साथ सबसे बड़ा और विस्तार से श्रीराम-जानकी विवाह महोत्सव मनाया जाता है. इस साल भी मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से पंचमी तक यहां पांच दिवसीय विवाह महोत्सव मनाया जाएगा. इन पांच दिनों तक मंडलेश्वर अयोध्या और मिथिला में तब्दील हो जाएगा. नगर के करीब 350 साल पुराने पेशवा कालीन जूना श्रीराम मंदिर में श्री सीताराम शिव संकल्प संस्था और वैदेही सेवा प्रकल्प द्वारा पिछले चार साल से विवाह महोत्सव मनाया जा रहा है. यह पांचवां वर्ष है, जिसे भव्य रूप देने के लिए अभी से तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. ज्यादा से ज्यादा लोग इस आयोजन में शामिल होकर भगवान के विवाह के साक्षी बनें, इसलिए गांव-गांव बैठक कर लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है.
जूना श्रीराम मंदिर के पुजारी पंडित पंकज मेहता ने Bharat.one से बातचीत में कहा कि इस साल महोत्सव 21 नवंबर से प्रारंभ होगा. 25 नवंबर को अभिजीत मुहूर्त में भगवान श्रीराम और माता जानकी के विग्रहों का विवाह पूरे विधि-विधान से संपन्न होगा. इस दौरान करीब 5000 लोगों के लिए शाही भोज भी रखा जाएगा. इस महोत्सव की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि त्रेतायुग में जिन रस्मों के साथ भगवान का विवाह हुआ था, उन सभी रस्मों को सामाजिक समरसता के साथ यहां निभाया जाता है.
निभाई जाएंगी त्रेतायुग की रस्में
उन्होंने आगे कहा कि इस साल 21 नवंबर को सुबह 9 बजे मां नर्मदा के पावन जल में भगवान श्रीराम और माता जानकी को मंगल स्नान (तीर्थ स्नान) कराया जाएगा और इसी के साथ विवाह का शुभारंभ होगा. इसके बाद दो दिनों तक जानकी की मनुहार होगी. 23 तारीख को शाम चार बजे गणेश पूजन, हल्दी और गौरी पूजन की रस्म निभाई जाएगी. 24 तारीख को सुबह 10 बजे मंडप, मामेरा और ग्रह यज्ञ होगा. इसी दिन शाम चार बजे भगवान की वरयात्रा (बाना) मिलेगी. 25 तारीख को अभिजीत मुहूर्त 11:50 बजे भगवान विवाह गठबंधन में बंधेंगे.
सामाजिक समरसता की मिसाल
बीते वर्ष की तरह इस साल भी भगवान की पोशाक अग्रवाल समाज से आएगी. मंगल स्नान के बाद केवट समाज आरती उतारेगा. कुम्हार समाज मिट्टी के घड़े लाएंगे. बसोड़ समाज मंडप के लिए बांस और आदिवासी समाज पत्ते लाएंगे. सेन समाज माहवारी उतारेगी. बारात राजपूत समाज द्वारा निकाली जाएगी. बारात के दौरान पहली स्वागत आरती वाल्मीकि समाज द्वारा उतारी जाएगी.
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.
